
एक मकान, दो लाशें और मौत की मिस्ट्री... बहन की आत्मा को खाना खिलाने वाले एक भाई की कहानी
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ये बात जून, 2015 की है. जब किसी ने पुलिस कंट्रोल रूम को इत्तिला देकर बताया कि रॉबिन्सन लेन के फ्लैट से धुआं निकल रहा है. मगर वहां कोई दिख नहीं रहा. खबर मिलने के कुछ देर बाद पुलिस की टीम मौके पर जा पहुंची. वो घर था अरबिंदो डे का.
हमारे सामने कई बार ऐसे मामले आते हैं, जो आम लोगों को तो हैरान करते ही हैं, साथ ही पुलिस और कानून के लिए भी पहेली बन जाते हैं. इस तरह के मामलों से हर सूबे का पुलिस महकमा दो-चार होता रहा है. ये मामले चौंकाते भी हैं और दहशत भी पैदा करते हैं. ऐसा ही एक मामला करीब 8 साल पहले कोलकाता शहर में सामने आया था. जिसमें पुलिस भी उलझ कर रह गई थी.
कोलकाता का डे परिवार पश्चिम बंगाल की राजधानी और देश का मशहूर शहर कोलकाता. इस शहर में एक पॉश इलाका है रॉबिन्सन लेन. वहां 77 वर्षीय अरबिंदो डे अपने बेटे पार्थ डे और बेटी देबजानी के साथ रहा करते थे. जबकि अरबिंदो की पत्नी का देहांत कुछ साल पहले हो चुका था. पार्थ पढ़ाई लिखाई में अच्छा था. कुछ साल पहले तक वो एक बड़ी कंपनी में जॉब करता था. देबजानी एक स्कूल में टीचर के तौर पर काम करती थी. उनके परिवार में दो पालतू कुत्ते भी थे. जिन्हें देबजानी बहुत प्यार करती थी.
घर से उठ रहा था धुआं बात 11 जून, 2015 की है. जब किसी ने पुलिस कंट्रोल रूम को इत्तिला देकर बताया कि रॉबिन्सन लेन के फ्लैट से धुआं निकल रहा है. मगर वहां कोई दिख नहीं रहा है. खबर मिलने के कुछ देर बाद पुलिस की टीम मौके पर जा पहुंची. जिस घर से धुआं निकल रहा था, वो घर अरबिंदो डे का ही था. पुलिस फौरन उस फ्लैट में पहुंची.
बाथरूम में मिली थी जली हुई लाश जब पुलिस अरबिंदा के फ्लैट में अंदर दाखिल हुई तो घर से तेज दुर्गंध आ रही थी. पुलिस घर में पहले वहां पहुंची जहां से निकलकर धुआं बाहर जा रहा था. वो हिस्सा अरबिंदो के कमरे का बाथरूम था. जिसका दरवाजा अंदर से बंद था. पुलिस ने जब बाथरूम का दरवाजा तोड़ा तो अंदर का मंजर खौफनाक था. वहां एक शख्स की जली हुई लाश पड़ी थी. और वो जलकर मरने वाला शख्स था 77 साल का अरबिंदो डे.
बेडरूम में मिला था कंकाल पुलिस ने जांच पड़ताल में पाया कि अरबिंदो ने खुद को आग लगाकर जान दी थी. लेकिन घर में मौजूद उनका बेटा पार्थ डे इस बारे में कुछ नहीं बता पा रहा था. वो खुद हैरान परेशान था. पुलिस ने बाथरूम से जली हुई लाश बाहर निकाली और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजने ही वाली थी कि फ्लैट के दूसरे कमरे में बिस्तर पर एक कंकाल बन चुकी लाश देखकर पुलिसवालों के होश उड़ गए.
पार्थ की बहन देबजानी का था कंकाल पुलिस समझ नहीं पा रही थी कि आखिर एक ही घर में दो लाशें होने का क्या मतलब हो सकता है. पुलिस को आगे की तफ्तीश में पता चला कि वो कंकालनुमा लाश अरबिदों की बेटी और पार्थ की 50 वर्षीय बहन देबजानी की थी. वो कंकाल जैसी लाश करीब सात आठ महीने पुरानी थी.

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