
उफ्फ महंगाई! कोढ़ में खाज बनी बारिश, लगातार 9वें महीने लिमिट से बाहर इंफ्लेशन
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महंगाई ने आम आदमी का जीना दुश्वार किया हुआ है, ये बात अब किसी से छिपी नहीं. सितंबर 2022 लगातार 9वां महीना रहा है जब देश में खुदरा मंहगाई दर RBI की मैक्सिमम लिमिट यानी 6% से ज्यादा रही है. सरकार ने बुधवार को इसके आंकड़े भी जारी कर दिए.
बाजार में सब्जी लेने जाएं, पेट्रोल पंप पर गाड़ी में पेट्रोल भराएं या रसोई गैस के लिए PNG या LPG का भुगतान करें, आज आम आदमी के जेहन में सबसे पहले एक ही बात आती है, उफ्फ ये महंगाई. इस साल की शुरुआत से सितंबर तक यानी 9 महीने लगातार देश में खुदरा महंगाई उच्च स्तर पर बनी हुई है. हालात ये है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने रिटेल इंफ्लेशन के लिए जो 6% की मैक्सिमम लिमिट तय की है, ये पूरे 9 महीने उससे ऊपर रही है.
बुधवार को सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने सितंबर 2022 के Retail Inflation Rate के आंकड़े जारी कर दिए. सितंबर में खुदरा महंगाई दर 7.41 प्रतिशत रही है. ये अगस्त 2022 के 7% और सितंबर 2021 के 4.3% से अधिक है.
महंगी हुई खाने की थाली
कोविड के असर के चलते पहले से महंगाई से जूझ रही अर्थव्यवस्था के लिए फरवरी में रूस और यूक्रेन का युद्ध (Russia-Ukraine War) और बुरी खबर लेकर आया. युद्ध का अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर असर, महंगा होता पेट्रोल-डीजल और आपूर्ति से जुड़ी बाधाओं ने महंगाई को अपने चरम पर पहुंचा दिया. उसके बाद से महंगाई नीचे आई ही नहीं.
‘कोढ़ में खाज’ बनी अनिश्चित बारिश
अभी हालत ये है कि सब्जी, फल, अनाज और आम आदमी की थाली का बहुत सारा सामान अत्याधिक महंगा हो चुका है. वहीं इस साल मानसून की अनिश्चित बारिश ने ‘कोढ़ में खाज’ का काम किया. अगर सिर्फ खाद्य पदार्थों की महंगाई दर देखी जाए तो स्थिति और बुरी है. सितंबर 2022 में फूड प्राइस इंडेक्स यानी कि खाद्य मुद्रास्फीति दर 8.60% रही है. जबकि अगस्त 2022 में ये 7.62% और पिछले साल सितंबर में 0.68% थी.

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