
'उन्होंने स्वतंत्रता दिखाई... यही उनकी गलती थी', धनखड़ के इस्तीफे पर कांग्रेस का भाजपा पर तंज
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पर्दे के पीछे क्या हुआ होगा, इसका संकेत देते हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह घबरा गई है और महाभियोग प्रक्रिया पर नियंत्रण पाने के लिए राज्यसभा के सभापति को हटा रही है.
जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे और सरकार द्वारा इस मामले पर चुप्पी साधे रखने को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह दावा करके आग में घी डालने का काम किया है कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर पूर्व उपराष्ट्रपति का स्टैंड ही उनके लिए नुकसानदेह साबित हुआ.
सिंघवी ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'ऐसा लगता है कि धनखड़ द्वारा थोड़ी-बहुत स्वतंत्रता दिखाना, संभवतः देर से, उनकी असली गलती थी. उन्होंने कोई और गलती नहीं की थी.' आज तक ने पहले ही रिपोर्ट किया था कि धनखड़ और सरकार के बीच कुछ समय से अनबन चल रही थी. सूत्रों के अनुसार जस्टिस वर्मा जिनके घर से मार्च में भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी, उनके खिलाफ विपक्ष द्वारा महाभियोग चलाने के प्रस्ताव को जगदीप धनखड़ द्वारा स्वीकार करने को लेकर हुआ विवाद ही उनके इस्तीफे का कारण बना.'
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महाभियोग प्रस्ताव और भाजपा की नाराजगी
सूत्रों ने बताया कि जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता से मुलाकात की थी और राज्यसभा में प्रस्ताव पेश करने के लिए विपक्षी सांसदों के हस्ताक्षर औपचारिक रूप से स्वीकार करने की तैयारी कर रहे थे. जेपी नड्डा और किरण रिजिजू समेत केंद्रीय मंत्रियों ने धनखड़ से बार-बार संपर्क किया ताकि प्रस्ताव को सर्वसम्मति वाला बनाया जा सके और सत्तारूढ़ दल के सांसदों के हस्ताक्षर शामिल किए जा सकें. लेकिन कथित तौर पर उन्होंने अपनी बात से पीछे हटने से इनकार कर दिया और राज्यसभा में केवल विपक्ष के हस्ताक्षर पढ़ने के अपने इरादे पर अड़े रहे. इससे भाजपा नाराज हो गई और धनखड़ ने अचानक इस्तीफा दे दिया.
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