
ईरानी तेल पर ट्रंप का शिकंजा, जानिए क्यों ये 4 भारतीय कंपनियां आ गईं निशाने पर
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डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर प्रतिबंध और कड़े कर दिए हैं और इसी क्रम में चार भारतीय कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. अमेरिका का आरोप है कि ये भारतीय कंपनियां ईरान को तेल बेचने में मदद कर रही थीं जो कि ईरान पर लगे अमेरिकी और संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों का उल्लंघन है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आते ही ईरान पर अपनी सख्ती बढ़ा दी है. ईरान पर सख्ती के बीच भारतीय कंपनियां भी प्रतिबंधों की जद में आ गई हैं. ट्रंप ने ईरान के कच्चे तेल की बिक्री में शामिल चार भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. ऑस्टेनशिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (नोएडा), बीएसएम मरीन लिमिटेड (गुड़गांव), कॉसमॉस लाइन्स (तंजावुर) और फ्लक्स मैरीटाइम (नवी मुंबई) पर आरोप है कि इन्होंने ईरान पर लगे प्रतिबंध के बावजूद तेल बेचने में उसकी मदद की जो कि अमेरिकी और संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों का उल्लंघन है.
भारतीय कंपनियों के खिलाफ आरोप
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (Office of Foreign Assets Control, OFAC) के अनुसार, इन कंपनियों ने वैश्विक प्रतिबंधों के बावजूद ईरानी तेल के परिवहन, बिक्री और मार्केटिंग में अहम भूमिका निभाई. ईरानी तेल के लेन-देन को आसान बनाकर इन कंपनियों ने कथित तौर पर ईरान की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की कोशिश की जिससे उसके तेल व्यापार पर रोक लगाने की अंतरराष्ट्रीय कोशिशों को नुकसान पहुंचा है.
भारतीय फर्मों पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही अमेरिका ने उनसे जुड़े जहाजों को भी निशाना बनाया है. Gabon फ्लैग्ड टैंकर Yateeka बीएसएम मरीन लिमिटेड से जुड़ा है, जबकि Eswatini फ्लैग्ड AMAK ऑस्टेनशिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है. इसके अलावा, फ्लक्स मैरीटाइम एलएलपी को ईरानी तेल शिपमेंट को सुविधाजनक बनाने में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया गया है.
भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध की तरह ही अमेरिका ने हाल ही में इसी तरह की गतिविधियों में शामिल होने का हवाला देते हुए अलग-अलग देशों की 16 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया था.
ईरानी तेल पर नए प्रतिबंधों से तेल की कीमतों में उछाल

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