
'ईद पर न दें कुर्बानी...' इस्लामिक देश के राजा ने आखिर क्यों की ऐसी अपील
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मोरक्को में पिछले कई सालों से सूखे की स्थिति है. सूखे की वजह से पशुओं के चारागाह सूख रहे हैं. पर्याप्त खाना और पोषण न मिल पाने की वजह से पशुओं की संख्या में कमी आई है. भेड़ वहां का प्रमुख पशुधन है जिनकी संख्या बहुत कम हो गई है. इसे देखते हुए वहां के राजा ने ईद को लेकर अपनी जनता से बड़ी अपील की है.
इस्लामिक देश मोरक्को के राजा मोहम्मद VI ने अपने देश के लोगों से आग्रह किया है कि वो इस साल ईद-उल-अजहा (Eid Al-Adha) के मौके पर कुर्बानी की रस्म न निभाएं. मोरक्को में ईद के मौके पर अन्य जानवरों समेत भेड़ों की बलि दी जाती है. राजा मोहम्मद ने कहा है कि देश में भेड़ों की संख्या में भारी गिरावट आई है इसलिए इस साल भेड़ों की कुर्बानी न दी जाए.
मोरक्को में पिछले सात सालों से सूखे की स्थिति है जिससे भेड़ों की आबादी कम हुई है. ईद-उल-अजहा का त्योहार जून में पैगंबर इब्राहिम की के बेटे की याद में मनाया जाता है. माना जाता है कि पैगंबर इब्राहिम ने अल्लाह के आदेश पर अपने बेटे की बलि दे दी थी. तभी से ईद-उल-अजहा का त्योहार मनाया जाने लगा.
ईद-उल-अजहा के दिन मुसलमान भेड़ या दूसरे जानवरों की बलि देते हैं और फिर उसके मांस को परिवार के लोगों के बीच बांटा जाता है. उसका कुछ हिस्सा गरीबों को भी दान दिया जाता है.
मोरक्को में भेड़ों की संख्या में भारी गिरावट
मोरक्को के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, एक दशक में भेड़ों की संख्या में 38% की गिरावट आई है क्योंकि सूखे की वजह से चारागाह सूख गए हैं और भेड़ों को पर्याप्त खाना नहीं मिल पा रहा. इसकी वजह से मोरक्को में मांस के दाम बहुत बढ़ गए हैं. सरकार ने भेड़ों की कमी को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया से एक लाख भेड़ आयात की हैं.
बुधवार को राजा मोहम्मद का आदेश सरकारी टीवी पर सुनाते हुए मोरक्को के धार्मिक मंत्री अहमद तौफीक ने कहा, 'इन मुश्किल हालातों में कुर्बानी की रस्म निभाना हमारे लोगों को नुकसान पहुंचाएगा...खासकर उनको जिनके पास पैसे नहीं है.'

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