
इस्लामिक देश आपसी दुश्मनी भुला क्यों सऊदी अरब में जुटे?
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Arab League Summit: अरब के देश अपनी दुश्मनी भुलाकर एकजुट हो रहे हैं और इसका श्रेय सऊदी अरब को जाता है. सऊदी अरब मध्य-पूर्व में स्थिरता लाने के मकसद से क्षेत्रीय झगड़ों को खत्म करना चाहते है. पहले उसने ईरान से अपने संंबंध बहाल किए और अब सीरिया के साथ वो अपने संबंधों को ठीक कर रहा है.
मध्य-पूर्व की राजनीति में हाल के महीनों में ऐसे बदलाव हुए हैं जिसने पूरी दुनिया को चौंका दिया है. क्षेत्र के इस्लामिक देश अपनी दुश्मनी भुलाकर एक हो रहे हैं और इसका एक बड़ा उदाहरण है एक दशक से अधिक समय से अरब लीग से बाहर रहे सीरिया का अरब लीग शिखर सम्मेलन में शामिल होना.
यह सम्मेलन सऊदी अरब की मेजबानी में शुक्रवार को जेद्दा शहर में हो रहा है जिसमें सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद भी हिस्सा ले रहे हैं. असद सीरिया में 2011 में शुरू हुए गृहयुद्ध के बाद पहली बार सऊदी अरब पहुंचे हैं.
22 अरब देशों के इस लीग में सऊदी अरब, यूएई, इराक, जॉर्डन, मोरक्को, सुडान, कुवैत, कतर, बहरीन, ओमान आदि देश शामिल हैं और लगभग सभी देशों के राष्ट्र प्रमुख अरब लीग शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं.
इस सम्मेलन में हालांकि, संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल-नाहयान हिस्सा नहीं ले रहे हैं. उनकी जगह उनके भाई उपराष्ट्रपति शेख मंसूर बिन जायद सऊदी अरब पहुंचे हैं.
हालांकि, इस बैठक को लेकर जिस बात की सबसे अधिक चर्चा है, वह है- सीरियाई राष्ट्रपति असद का इसमें हिस्सा लेना.
असद सरकार और सऊदी अरब की दुश्मनी

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