इजरायल-हमास जंग के बीच फिलिस्तीन पर PAK राष्ट्रपति के बयान पर हंगामा, अब लिया यू-टर्न
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पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने फिलिस्तीन मुद्दे को सुलझाने के लिए फिलिस्तीन और इजरायल के रूप में दो देश की बजाय वन स्टेट (एक देश) समाधान का सुझाव दिया था. जबकि पाकिस्तान शुरुआत से ही दो देश थ्योरी का पक्षधर रहा है.
हमास और इजरायल में जारी जंग के बीच फिलिस्तीन मुद्दे को सुलझाने के लिए पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी की ओर से पेश किए गए विकल्प पर विवाद छिड़ गया है. आरिफ अल्वी ने फिलिस्तीन मुद्दे को सुलझाने के लिए फिलिस्तीन और इजरायल के रूप में दो देश की बजाय वन स्टेट (एक देश) समाधान का सुझाव दिया था. अल्वी के इस बयान की जमकर आलोचना की गई. भारी हंगामा को देखते हुए कुछ घंटे के बाद ही पाकिस्तान के राष्ट्रपति कार्यालय ने बयान जारी करते अल्वी के इस विकल्प को वापस ले लिया है.
शुक्रवार को फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने कहा था कि यदि इजरायल को दो देश समाधान स्वीकार नहीं है तो सिर्फ एक देश समाधान ही इस मुद्दे को सुलझाने का रास्ता है. इस एक देश में यहूदी, मुस्लिम और ईसाईयों को बराबर और समान राजनीतिक अधिकारों के साथ बसाया जा सकता है.
जबकि पाकिस्तान शुरुआत से ही दो देश थ्योरी का पक्षधर रहा है. यहां तक कि शुक्रवार को भी पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकर ने रियाद में फिलिस्तीन के राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान टू स्टेट समाधान पर जोर दिया था.
क्या कहा था पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने
पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट 'द डॉन' के मुताबिक, महमूद अब्बास से बातचीत के दौरान आरिफ अल्वी ने कहा था कि इजरायल को अगर दो देश समाधान स्वीकार्य नहीं है तो समाधान का एकमात्र रास्ता एक देश की स्थापना ही है. जहां यहूदी, मुस्लिम और ईसाई की बराबर आबादी समान राजनीतिक अधिकारों के साथ रहे. अल्वी के इस बयान को पाकिस्तान सरकार की ओर से सरकारी एसोसिएटेड प्रेस ने भी जारी किया था. जिसे पाकिस्तान के सभी समाचार चैनलों पर चलाया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, अल्वी के इस बयान के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी जंग के निष्पक्ष और स्थायी समाधान के लिए पाकिस्तान दो देश समादान को लेकर प्रतिबद्ध है, जिससे एक संप्रभु फिलिस्तीन की स्थापना हो सके. उन्होंने कहा कि 1967 से पहले की सीमाओं के आधार पर अल कुद्स अल-शरीफ को इसकी राजधानी बनाकर एक व्यवहार्य, संप्रभु और सन्निहित फिलिस्तीन राज्य की स्थापना होनी चाहिए.
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