इंसानियत शर्मसार! मृतक का होना था पोस्टमॉर्टम, पुलिस ने कूड़ा-करकट वाली गाड़ी से भेज दिया शव
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ये सिर्फ शर्मसार करने वाली घटना नहीं है, बल्कि सवाल उठता है कि क्या प्रशासन की कोई जिम्मेदारी नहीं है? इंसानियत ना भी हो लेकिन कुछ नियम तो होते ही हैं, जिनका पालन करना जरूरी रहता है.
कोरोना महामारी का ऐसा खौफ देखने को मिला है कि मुश्किल समय में परिवार ने ही अपनों का साथ छोड़ा है. कोरोना से मौत भी हो गई तो अर्थी को कंधा देने के लिए परिवार वाले आगे नहीं आते हैं. अब जब ऐसा होता है तब तो इंसानियत शर्मसार होती ही है, लेकिन जब कोई पुलिस अधिकारी भी ऐसा ही अमानवीय चेहरा दिखाने लगे, तब क्या कहा जाएगा. अब कोरोना से जुड़ा तो नहीं लेकिन उत्तर प्रदेश के महोबा से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. एक शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजना था, कोई वाहन नहीं मिला तो पुलिसवालों ने कूड़े वाली गाड़ी में ही शव को डाल दिया और फिर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया.पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आखिरकार माना है कारगिल युद्ध पाकिस्तान की गलती का नतीजा था. मसलन, उन्होंने स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने 1999 के लाहौर समझौते का उल्लंघन किया था. तब आर्मी चीफ रहे परवेज मुशर्रफ ने गुप्त रूप से अपनी सेना कारगिल में भेजी थी, जिसकी वजह से भारत-पाकिस्तान के बीच बड़े पैमाने पर युद्ध छिड़ गया था.
डीसीपी (महिलाओं के खिलाफ अपराध) वीरेंद्र विज ने बताया कि शिक्षक संजू वर्मा ने लड़की को पहले इंस्टाग्राम पर फॉलो करने के अनुरोध को स्वीकार करने के लिए मजबूर किया. इसके बाद आरोपी शिक्षक ने ऐप पर उसे "अश्लील" मैसेज भेजने शुरू कर दिए. मामले की जानकारी मिलने के बाद पीड़िता के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.
राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.