
'आउट ऑफ सिलेबस विदेश नीतियां लाने की जरूरत...', ट्रंप से तालमेल बैठाने का विदेश मंत्री जयशंकर ने निकाला तोड़
AajTak
विदेश मंत्री जयशंकर ने हाल ही में ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भी हिस्सा लिया था. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक खत भी ट्रंप को दिया था.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब से पद की शपथ ली है, वह ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं. इस बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से डील करने के लिए भारत को अपनी विदेश नीतियों में बदलाव लाना होगा.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के हसंराज कॉलेज में एक इंटरेक्विट सेशन के दौरान जब जयशंकर से पूछा गया कि डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के भारत के लिए क्या मायने होंगे? इसके जवाब में जयशंकर ने कहा कि हां, ट्रंप के आने से बहुत बदलाव होंगे. हो सकता है कि कुछ चीजें बिल्कुल अलग हों लेकिन हमें देश के हित को ध्यान में रखते हुए हमारी विदेश नीति में बदलाव करना होगा.
उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे मुद्दे हो सकते हैं, जहां हम सहमत नहीं हों लेकिन ऐसे कई क्षेत्र होंगे जहां हम एक ही प्लेटफॉर्म पर होंगे और सहमत होंगे.
इस दौरान जयशंकर ने शिक्षा क्षेत्र और कूटनीति से राजनीति में आने का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं नौकरशाह बनूंगा. मैं राजनीति में अचानक आ गया, या तो इसे भाग्य कहें, या इसे मोदी कहें. उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी) मुझे इस तरह से आगे बढ़ाया कि कोई भी मना नहीं कर सका.
बता दें कि विदेश मंत्री जयशंकर ने हाल ही में ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भी हिस्सा लिया था. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक खत भी ट्रंप को दिया था.
इसके बारे में जयशंकर ने बताया कि ट्रंप जब आखिरी बार भारत आए थे तब वह उस दौरे से बहुत प्रभावित थे. हमारे हित कई मायनों में जुड़े हुए भी हैं. जयशंकर ने कहा कि ट्रंप की नीतियों से वैश्विक मामलों में बहुत बदलाव हो सकते हैं. लेकिन भारत की विदेश नीति हमारे राष्ट्रीय हितों के अनुरूप ही रहेगी.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.









