अवैध प्रवासी रवांडा डिपोर्ट होने चाहिए, प्रवासी परिवार से ताल्लुक रखने वाले ऋषि सुनक ऐसा क्यों कह रहे हैं
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Rishi Sunak PM race: ब्रिटेन के पीएम पद की रेस में आगे चल रहे ऋषि सुनक ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्ती दिखाने का संकेत दिया है. उन्होंने कहा है कि हमारी सीमाएं सुरक्षित और नियंत्रित होनी चाहिए और ब्रिटेन के अवैध प्रवासियों को रवांडा डिपोर्ट करना चाहिए.
ब्रिटेन के पीएम पद की रेस में ऋषि सुनक आज सेकेंड राउंड की वोटिंग की चुनौती का सामना कर रहे हैं. आज कंजरवेटिव सांसद दूसरे राउंड का मतदान करेंगे. इस दौर में जिस उम्मीदवार को सबसे कम वोट मिलेगा वो इस रेस से बाहर हो जाएगा. इस रेस में अभी ऋषि सुनक समेत 6 उम्मीदवार शामिल हैं.
42 साल के भारतीय मूल के ब्रिटिश नेता ऋषि सुनक एलिमिनेशन राउंड में सबसे ज्यादा 88 वोट पाकर पीएम पद की रेस में टॉप स्कोरर बने हुए हैं. यही नहीं वे अपने आलोचकों को करारा जवाब दे रहे हैं. ऋषि सुनक ने बोरिस जॉनसन की अवैध प्रवासियों को रंवाडा में डिपोर्ट करने की पॉलिसी का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि आपराधिक गिरोहों का एक ऐसा गैंग है जो ब्रिटेन आने की कोशिश कर रहे लोगों की जान ले रहा है. इसलिए इसे रोकने की जरूरत है और हमें अपना बॉर्डर भी सुरक्षित करने की जरूरत है.
बता दें कि ब्रिटिश संसद के 358 उम्मीदवार पीएम पद के 6 कैंडिडेट को अपना वोट डालेंगे. इन 6 उम्मीदवारों में ऋषि सुनक, पेन्नी मॉर्डान्ट, लिड ट्रॉस, केमी बेडेनोक, टॉम टुजैन्ट और भारतीय मूल की सुएला ब्रेवरमैन शामिल हैं.
अवैध प्रवासियों पर सख्ती के पक्षधर
एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार ऋषि सुनक ने पीएम बनने पर अपनी सरकार की योजना बताते हुए कहा कि देश की सीमाओं को नियंत्रित और सुरक्षित करने के लिए वे वैसी इमीग्रेशन पॉलिसी के पक्षधर थे जहां अवैध प्रवासियों को रवांडा में डिपोर्ट कर दिया जाना चाहिए.
बता दें कि अवैध प्रवासियों को रवांडा में रिपोर्ट करने की योजना बोरिस जॉनसन की थी. हालांकि प्रवासी समुदाय से नाता रखने के बावजूद वे ऐसा क्यों चाहते हैं ऐसा पूछा जाने पर ऋषि सुनक ने कहा, "मैं एक इमिग्रेंट्स का बच्चा और ग्रैंडचाइल्ड होने पर भी ऐसा कह रहा हूं. इस देश का लोगों का स्वागत करने का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है, लेकिन यह भी सही है कि यहां कौन आ रहा है, इस पर हमारा नियंत्रण है. और, दुख की बात है कि यहां आपराधिक गिरोहों का एक अवैध समूह है जो यहां आने की जुगाड़ में जुटे लोगों की जान ले रहा है. हमें इसे रोकना चाहिए. हमने जो नीति बनाई है, वह हमें ऐसा करने की क्षमता देती है."
दो सालों से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के फिलहाल रुकने के कोई आसान नहीं. इस बीच पिछले अक्टूबर से हमास और इजरायल में जंग छिड़ चुकी. अफ्रीकी देशों समेत मिडिल ईस्ट में सिविल वॉर जारी है. माना जाता है कि इंटर-स्टेट यानी दो देशों के बीच लड़ाई सालभर से ज्यादा चल जाए तो अगले 10 सालों तक सीमा पर झड़पें कॉमन हैं.