
अमेठी चुनाव में उतरना राहुल गांधी के लिए ही नहीं, कांग्रेस-इंडिया गुट के लिए भी फायदेमंद है
AajTak
पहले चर्चा थी कि यूपी से गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ेगा. बल्कि मल्लिकार्जुन खरगे जैसा प्रयोग हो सकता है, यानी गांधी परिवार से बाहर का कोई उम्मीदवार होगा, लेकिन अब फिर से राहुल गांधी के मैदान में उतरने की चर्चा होने लगी है - क्या राहुल गांधी को अमेठी से चुनाव लड़ना चाहिये?
लोक सभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस की भी सूची आने वाली है. बीजेपी अपने 195 उम्मीदवारों की पहली सूची पहले ही जारी कर चुकी है. बीजेपी की पहली सूची में वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गांधीनगर से अमित शाह उम्मीदवार बनाये गये हैं.
और बिलकुल वैसे ही कांग्रेस की पहली सूची में राहुल गांधी के साथ साथ प्रियंका गांधी का भी नाम होने के कयास लगाये जाने शुरू हो गये हैं. कांग्रेस की पहली सूची में खास नजर होगी अमेठी और रायबरेली लोक सभा सीट पर.
अमेठी बरसों से गांधी परिवार का गढ़ रहा है, लेकिन कुछ दिनों पहले सूत्रों के हवाले से कहा जाने लगा था कि अमेठी ही नहीं बल्कि रायबरेली से भी गांधी परिवार का कोई सदस्य मैदान में नहीं होगा. ये चर्चा सोनिया गांधी के राज्यसभा चले जाने के बाद होने लगी थी. चर्चा की शुरुआत तो रायबरेली से प्रियंका गांधी वाड्रा को लेकर शुरू हुई थी, लेकिन आगे बढ़ कर वो गैर गांधी परिवार उम्मीदवार पर जाकर रुक गई. ठीक वैसे ही जैसे राहुल गांधी की पहल पर गांधी परिवार से बाहर का कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के रूप मैं चुना गया है.
लेकिन अब फिर से राहुल गांधी के ही अमेठी से चुनाव लड़ने की खबर आ रही है. असल में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से मांग की गई है कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ें. अमेठी के जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने दावा किया है कि राहुल गांधी अमेठी से ही चुनाव लड़ेंगे. मालूम हुआ है कि प्रदीप सिंघल ने ये बात दिल्ली से लौटने के बाद कही है, और ये भी बताया है कि जल्दी ही इस बात की घोषणा कर दी जाएगी.
राहुल गांधी को स्मृति ईरानी की चुनौती
2004 से अमेठी लोक सभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी 2019 में बीजेपी की स्मृति ईरानी से चुनाव हार गये थे. तब वो दो सीटों से चुनाव लड़े थे, और फिलहाल केरल की वायनाड सीट से सांसद हैं. कुछ दिन पहले 'मोदी सरनेम' वाले मानहानि केस में सजा होने पर उनकी सदस्यता रद्द हो गई थी, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट से सजा पर रोक लगा दिये जाने के बाद राहुल गांधी की सदस्यता बहाल हो गई.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







