अफगानिस्तान में नहीं होगा लोकतंत्र, सुप्रीम लीडर-काउंसिल चलाएंगे तालिबान शासन
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तालिबानी नेताओं की ओर से साफ किया गया है कि तालिबान सभी नेताओं, अफसरों से बात कर रहा है और हर किसी से बात करने के बाद नई सरकार (New Government) का गठन किया जाएगा.
अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) जबतक अपनी नई सरकार का गठन नहीं कर लेता है, तबतक एक काउंसिल के जरिए पूरे देश को चलाया जाएगा. तालिबानी अभी अफगानिस्तान के नेताओं, सेना के अफसरों से चर्चा जारी रखेंगे और नई सरकार के फ्रेमवर्क पर काम किया जाएगा. समाचार एजेंसी रॉयटर्स को एक तालिबानी नेता ने बताया कि तालिबान सभी नेताओं, अफसरों से बात कर रहा है और हर किसी से बात करने के बाद नई सरकार (New Government) का गठन किया जाएगा. लेकिन अभी काउंसिल ही अफगानिस्तान को चलाएगी, इसकी अगुवाई Haibatullah Akhundzada कर सकते हैं. तालिबानी कमांडर के मुताबिक, हमारी नई सरकार को लेकर अभी कई बातें साफ होनी हैं लेकिन एक चीज़ तय है कि अफगानिस्तान में लोकतंत्र नहीं होगा. हमारे यहां लोकतांत्रिक सिस्टम (Democratic System) का बेस नहीं है, ऐसे में ये साफ है कि मुल्क में सिर्फ शरिया कानून ही लागू किया जाएगा.भारत 46वें अंटार्कटिक संसद की मेजबानी कर रहा है. 30 मई तक चलने वाली इस बैठक में बर्फीले महाद्वीप से जुड़े कई मुद्दों पर बात होगी. फिलहाल वैज्ञानिक परेशान हैं क्योंकि अंटार्कटिक महासागर के भीतर धाराएं कमजोर पड़ रही हैं. डर जताया जा रहा है कि साल 2050 तक ये बहाव इतना कम हो जाएगा कि सांस लेने के लिए ऑक्सीजन घटने लगेगी.
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