
'अतीक अहमद ने रची थी खुद पर हमले की साजिश, गुड्डू मुस्लिम को सौंपी थी जिम्मेदारी', पुलिस का बड़ा दावा
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प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल की रात पुलिस कस्टडी में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. हत्या के बाद शूटरों ने सरेंडर कर दिया था. पुलिस ने अपनी जांच में दावा किया है कि अतीक ने खुद पर हमले के योजना बनाई थी, ताकि उसकी सुरक्षा बढ़ा दी जाए लेकिन लगता है कि उसे किसी ने डबल क्रॉस कर दिया.
माफिया डॉन अतीक अहमद की हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. पुलिस ने अपनी जांच में दावा किया है कि अतीक अहमद ने पुलिस हिरासत में खुद पर हमले की साजिश रची थी. वह फायरिंग और बमबाजी कर अपनी सुरक्षा को और मजबूत करना चाहता था. उसे लगा कि हमले के नाटक के बाद न तो कोई और उसे मार पाएगा और न ही पुलिस उसका एनकाउंटर कर पाएगी. इसके लिए उसे अपने खास शूटर बमबाज गुड्डू मुस्लिम को जिम्मेदारी सौंपी थी. गुड्डू मुस्लिम ने पूर्वांचल के कुछ बदमाशों से भी संपर्क किया था.
पुलिस ने दावा किया कि साजिश के तहत यह तय हुआ कि साबरमती जेल से लाए जाने के दौरान अतीक अहमद पर रास्ते में या प्रयागराज में किसी जगह पर हमला किया जाएगा. हमले में अतीक अहमद को कोई नुकसान नहीं पहुंचाना था. तय साजिश के तहत नजदीक से फायरिंग करनी थी और आसपास बम फेंके जाने थे. इसके जरिए यह संदेश देना था कि अतीक अहमद पर उनके विरोधियों ने हमला किया है, इसलिए उसकी सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए.
पूर्वांचल से प्रयागराज आए थे कुछ बदमाश
पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि अतीक और अशरफ पर हमला करने के लिए पूर्वांचल से भी कुछ बदमाश प्रयागराज आए थे. जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि कहीं तीनों शूटर लवलेश, अरुण और सनी को अतीक अहमद के गिरोह ने तो नहीं बुलाया था. कहीं ऐसा तो नहीं कि गिरोह के किसी सदस्य ने हमले का नाटक करने की बजाय धोखे से मारने के लिए सुपारी दे दी हो? कहीं ऐसा तो नहीं है कि तीनों निशानेबाज को कहीं और से निर्देश मिले हों और उन्होंने डबल क्रॉस कर लिया हो. पुलिस इसलिए भी शक है क्योंकि तीनों ने घटना के बाद सरेंडर कर दिया था. हालांकि वे बार-बार इसी बात को दोहरा रहे हैं कि उन्हें किसी ने नहीं भेजा. उन्होंने खुद ही हत्या की है.
माना जा रहा है कि पुलिस जांच पूरी होने के बाद और भी कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं. अतीक अहमद ने साल 2002 में भी खुद पर हमले का ड्रामा रचा था. 2002 में अदालत में पेशी के दौरान पुलिस हिरासत में अतीक पर बम से हमला किया गया था. तब अतीक को मामूली चोटें आई थीं. जांच में यह पता चला था कि अतीक ने ही वह हमला करवाया था.

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