
अटॉर्नी जनरल, सॉलिसिटर जनरल की रिटेनर फीस कितनी? RTI से आया सामने
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अटॉर्नी जनरल, सॉलिसिटर जनरल सरकार के टॉप लॉ ऑफिसर्स होते हैं. इनको रिटनेर फीस के तौर पर केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में एक करोड़ रुपये से ज्यादा दिए हैं. इसकी जानकारी RTI के जरिए सामने आई है. बीजेपी सरकार ने इस रिटेनर फीस को बढ़ाया था.
विभिन्न कोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से केस लड़ने वाले अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल से जुड़ी बड़ी जानकारी सामने आई है. पता चला है कि सरकार के टॉप लॉ ऑफिसर्स को रिटेनर फीस के तौर पर पिछले कुछ सालों में एक करोड़ से ज्यादा रुपये दिए गए हैं.
यह जानकारी कानून और न्याय मंत्रालय में दायर की गई एक RTI के जरिए मिली है. इससे पता चला है कि बीजेपी की केंद्र सरकार ने Attorney General और Solicitor General को रिटेनर फीस के तौर पर 1 करोड़ से ज्यादा रुपये दिए.
क्या होती है Retainer fee?
रिटेनर फीस (Retainer fee) वह पैसा होता है जो कि वकील की सेवाओं को बुक करने के लिए दिया जाता है. मतलब यह पैसा सर्विस लेने के लिए एक तरह से दिया गया एडवांस है. यह वकील की फीस से अलग होता है. फिर जब वह वकील किसी केस को दायर करेगा या फिर उसमें जिरह करेगा उसके लिए अलग चार्ज होगा.
बीजेपी सरकार ने बढ़ाई थी रिटेनर फीस
कानून और न्याय मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, Attorney General of India को साल 2012 से सितंबर 2015 तक रिटेनर फीस के तौर पर 54 हजार रुपये प्रतिमाह मिलते थे. इसे एक अक्टूबर 2015 को बढ़ाकर 79 हजार रुपये प्रतिमाह किया गया.

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