
अगले 15 सालों में मंगल पर बस सकते हैं इंसान, क्या है टाइप 0 सिविलाइजेशन, जिसमें हम अब तक अटके हुए?
AajTak
महीनों से स्पेस में फंसी सुनीता विलियम्स को वापस लाने में नासा के साथ एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने भी खूब काम किया. अब मस्क पूरी तरह से मिशन मार्स पर ध्यान दे सकते हैं. वे काफी समय से मंगल पर इंसानी बस्ती की बात करते रहे, और इसके लिए एक टर्म भी इस्तेमाल करते हैं- टाइप 1 सिविलाइजेशन. हम अभी टाइप जीरो पर ही हैं.
स्पेस में ग्रैविटी नहीं होती, और विकिरणें इतनी खतरनाक होती हैं कि बगैर सुरक्षा के इंसान मिनटभर भी जिंदा न रह सके. फिलहाल धरती के अलावा कोई किसी और ग्रह पर रहने की कल्पना भी नहीं जा सकती, लेकिन एलन मस्क साल 2040 तक मंगल पर कॉलोनी बनाने का टागरेट तय कर चुके, जो पूरी तरह आत्मनिर्भर हो. बकौल मस्क इंसान अब तक जीरो सिविलाइजेशन में अटके हुए हैं.
मंगल को लेकर क्यों इतनी उम्मीद मस्क एक टाइमलाइन बना चुके, जिसमें छोटे-छोटे टारगेट्स के साथ अगले 15 सालों में मंगल पर पूरी बस्ती बन सकती है. यहां 10 लाख लोग होंगे ताकि एक स्वतंत्र सभ्यता तैयार हो सके.
क्या है टाइमलाइन में - साल 2029 तक पहली इंसानी लैंडिंग इस ग्रह पर होगी, जो शायद एकाध साल आगे भी खिंच सकती है. - सालभर के भीतर ही बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो जाएगा जैसे बिजली, पानी का उत्पादन. - साल 2040 तक पूरी सोसायटी होगी, जहां लगभग 10 लाख लोग रह सकें और धरती के बगैर जिनका काम चल सके.
यही ग्रह क्यों चुना गया ये ग्रह कई मायनों में धरती से मिलता-जुलता है. इसकी धुरी का झुकाव लगभग अर्थ जैसा है, जिससे वहां गर्मी और सर्दी के मौसम आते हैं. वहां बादल, ज्वालामुखी और ध्रुवों पर बर्फ भी मिलेगी. मंगल पर एक दिन हमारे यहां से सिर्फ 40 मिनट लंबा होता है. एक वजह इसका धरती से पास होना भी है.
क्या हो सकती हैं चुनौतियां मंगल बहुत ठंडा है. इसके पोल्स पर तापमान लगभग 153 डिग्री सेल्सियस तक माइनस में जा सकता है. यहां ऑक्सीजन लगभग नहीं के बराबर है, जिससे प्रोटेक्टिव सूट के बगैर वहां रहना नामुमकिन है. इस ग्रह की मिट्टी में फिलहाल कई टॉक्सिन्स है यानी खेती-किसानी नहीं हो सकती. ग्रैविटी यहां से लगभग 30 फीसदी तक कम हो जाती है, जिसकी वजह से लंबे समय तक वहां रहने हड्डियों और बाकी सेहत पर बुरा असर डाल सकता है. मस्क इतनी मुश्किलों के बाद भी लगातार इसपर बात कर रहे हैं. उन्हें यकीन है कि कॉलोनी जल्द ही बनेगी. मस्क समेत कई वैज्ञानिक मानते रहे कि फिलहाल हम जीरो सिविलाइजेशन के वक्त में है, जो बहुत खराब है. साइंस की दुनिया में अक्सर सिविलाइजेशन कोलैप्स के डर से मल्टी-प्लानेटरी सर्वाइवल की बात होती रही. यानी धरती पर अचानक खतरा आ जाए तो इंसान दूसरे ग्रहों पर जा सकें, या कई ग्रहों पर रह सकें. फिलहाल हम सिंगल प्लानेटरी हैं और जीरो सिविलाइजेशन में आते हैं.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






