UP: 'BJP उम्मीदवार के मैंने छक्के छुड़ा दिए थे, मुझे तो EVM ने हराया', 25 साल की सपा प्रत्याशी पूजा शुक्ला के आरोप
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Samajwadi Party candidate Pooja Shukla: समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी पूजा शुक्ला का आरोप है कि भाजपा उम्मीदवार के मैंने छक्के छुड़ा दिए. मैं हारी नहीं. लखनऊ डीएम ने रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए ईवीएम में गड़बड़ी करके मुझे हराया, क्योंकि इस सीट पर सीएम की प्रतिष्ठा लगी थी.
उत्तर प्रदेश में चुनाव हो चुका है और नतीजे भी आ चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) पूर्ण बहुमत हासिल कर सरकार बनाने जा रही है. इस चुनाव में राजधानी लखनऊ की उत्तर विधानसभा एक ऐसी भी सीट थी जहां समाजवादी पार्टी ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी और शुरुआती राउंड से ही बढ़त बनाई हुई थी, लेकिन आखिरी राउंड में सपा उम्मीदवार पीछे हो जाती हैं और वहीं से बीजेपी के प्रत्याशी बाजी मारकर चुनाव जीत जाते हैं.
लखनऊ उत्तर विधानसभा से समाजवादी पार्टी ने पूजा शुक्ला को अपना उम्मीदवार बनाया था. यह वही पूजा शुक्ला हैं जिन्होंने साल 2017 में बीजेपी की सरकार यूपी में बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को काला झंडा दिखाया था. बीजेपी ने कांग्रेस से आए डीपी बोरा के पुत्र नीरज बोरा को अपना उम्मीदवार बनाया था. इन तमाम मुद्दों पर 'आजतक' ने सपा प्रत्याशी पूजा शुक्ला से बातचीत की. पूजा शुक्ला का आरोप है कि बीजेपी प्रत्याशी डॉ. नीरज बोरा के छक्के छुड़ा दिए लेकिन ईवीएम ने उन्हें हरा दिया.
पूजा शुक्ला ने आगे अपने आरोपों में कहा, लखनऊ डीएम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को खुश करने के लिए मुझे हरा दिया और बीजेपी के उम्मीदवार को जिता दिया.
पूजा शुक्ला ने बताया कि देखिए मुझे खुशी है कि समाजवादी पार्टी ने एक गरीब की बेटी को धन से मजबूत और झूठे मक्कारों के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा और जनता ने मुझे अपना समर्थन दिया. मैं मानती हूं कि भारतीय जनता पार्टी को ईवीएम ने जीत दी है.
बकौल पूजा शुक्ला, 'मुझे याद है जब मतगणना हो रही थी तो मैंने रिटर्निंग ऑफिसर से पूछा कि आखिर ईवीएम 99% चार्ज कैसे है? मैंने उदाहरण देते हुए चुनावों के अधिकारियों को बताया कि अगर कोई मोबाइल है और थोड़ा-सा भी वह कार्य करता है तो उसकी बैटरी खत्म हो जाती है, तो आखिर यह ईवीएम कैसे 99% चार्ज है? जबकि 23 तारीख को मतदान हुआ था और उसके 10-15 दिन बाद मतगणना की गई. हमने शुरू से ही 22 राउंड तक लीड बनाई और 22 राउंड तक 18 हज़ार मतों से मैंआगे चली, लेकिन आखिर ऐसा आखिरी राउंड में क्या हो जाता है कि मैं हार जाती हूं?
पूजा ने बताया, शाम को सरकार के आला अधिकारी लखनऊ डीएम आते हैं और काउंटिंग आधे घंटे के लिए रोक दी जाती है. कहा जाता है कि यह लंच टाइम है. मुझे समझ में नहीं आता कि 4 बजे कौन-सा लंच होता है? सुबह के आए हुए अधिकारी आखिर 4 बजे कौन-सा लंच कर रहे थे? 22 राउंड तक मैं जीत रही थी, उसके बाद भाजपा के प्रत्याशी को ईवीएम के माध्यम से डीएम ने जिता दिया.
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