
Stock Market Alert: 'मैं तो बर्बाद हो गया हूं... ऐसे शेयरों का क्या करूं', क्या सुमित जैसा आपका भी है मामला?
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Stock Market Tips: ऐसी समस्या से केवल सुमित ही नहीं, देश के करोड़ों निवेशक जूझ रहे हैं. खासकर वैसे लोग जो कोविड के बाद बाजार से जुड़े हैं. पिछले 6 महीने की गिरावट से कमाई पर तो ग्रहण लगा ही, कैपिटल भी घट गया है. यानी मुनाफा के साथ-साथ कुछ मूलधन भी साफ हो गया है.
सुमित डरा हुआ है, शेयर बाजार (Share Market) में 6 महीने की गिरावट ने सुमित की सोच बदल दी है. दरअसल, 6 महीने पहले सुमित केवल मल्टीबैगर स्टॉक्स खोज रहा था, क्योंकि उस समय बाजार में सबकुछ सही चल रहा था, इस दौरान उसने जो भी शेयर खरीदा, उससे थोड़ी बहुत कमाई हो गई. फिर सुमित ने कुछ ऐसे शेयरों पर दांव लगा दिया, जो फंडामेंटली मजबूत नहीं थे. अब सुमित कहता है कि ऐसे शेयरों ने तो पोर्टफोलियो का सत्यानाश कर दिया.
दरअसल, इस गिरावट में फंडामेंटली मजबूत शेयर करीब 40 फीसदी तक टूटे हैं. लेकिन कुछ कमजोर शेयर्स, जिनके भाव गिरकर आधे से भी कम हो गए हैं. ऐसे में सुमित जैसे देश में लाखों लोग हैं, जो पिछले कुछ वर्षों से शेयर बाजार में हाथ आजमा रहे थे, जिनकी दो-तीन साल की कमाई, कुछ महीनों में ही उड़ गई.
कमजोर शेयर कर रहे हैं परेशान
हालांकि इस हफ्ते शेयर बाजार में मामूली रिकवरी देखने को मिली है, इंडेक्स में करीब 2 फीसदी की तेजी दर्ज की गई. खासकर स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में निचले स्तर सुधार के संकेत मिल रहे हैं, इस दौरान फंडामेंटली मजबूत शेयरों में 10 फीसदी तक बढ़ोतरी आई है. लेकिन कुछ ऐसे शेयर भी हैं, जो अभी भी बिल्कुल ठंडे पड़े हैं. अब सुमित की समस्या ये है कि कुछ शेयर तो अभी भी गिर रहे हैं, जबकि बाजार में थोड़ी खरीदारी लौटी है.
बता दें, सुमित शेयर बाजार में नया है, लेकिन उसे पता है कि बाजार की गिरावट में मजबूत शेयर भी गिरते हैं. लेकिन जब स्थिति सुधरती है, तो सबसे पहले वही शेयर भागते हैं, जो फंडामेंटली मजबूत होते हैं. सुमित के पोर्टफोलियो में कई फंडामेंटली मजबूत शेयर हैं, जो अब रिकवरी के मोड में हैं. परंतु सुमित उन शेयरों को देखकर घबरा है, जो 50 से 60 फीसद तक गिर चुके हैं, और अब जब बाजार रिकवरी के मूड में है तो भी वो ठंडे पड़े हैं, सुमित का सवाल है कि क्या ऐसे शेयर अब अपने ऑलटाइम को कभी क्रॉस नहीं करेगा? सुमित का कहना है कि वो तो ऐसे शेयर खरीदकर आर्थिक तौर बर्बाद हो गया हूं.
करोड़ों निवेशकों की यही समस्या

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