
RSS के शताब्दी समारोह में शामिल होंगे PM मोदी, स्पेशल डाक टिकट और स्मृति सिक्का करेंगे जारी
AajTak
विजयदशमी के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर शताब्दी समारोह आयोजित किया जा रहा है. पीएम मोदी इसमें बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे. आरएसएस की स्थापना वर्ष 1925 में नागपुर (महाराष्ट्र) में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 अक्टूबर को विजयदशमी के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित शताब्दी समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे. यह कार्यक्रम सुबह 10:30 बजे डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित होगा.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पीएम मोदी इस अवसर पर प्रधानमंत्री एक विशेष रूप से तैयार किया गया स्मृति डाक टिकट और सिक्का भी जारी करेंगे और उपस्थित लोगों को संबोधित करेंगे.
पीएम मोदी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर भी इसकी जानकारी दी. उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, "विजयादशमी के पावन अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के गौरवशाली 100 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं. देशभर में इसके लाखों स्वयंसेवक पिछली एक सदी से राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ मां भारती की सेवा में समर्पित रहे हैं. 1 अक्टूबर को सुबह करीब 10.30 बजे नई दिल्ली में आरएसएस शताब्दी समारोह में शामिल होने का सौभाग्य मिलेगा. यहां एक विशेष डाक टिकट और स्मृति सिक्का भी जारी किया जाएगा."
दरअसल, आरएसएस की स्थापना वर्ष 1925 में नागपुर (महाराष्ट्र) में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी. इसे एक स्वयंसेवक-आधारित संगठन के रूप में शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य नागरिकों में सांस्कृतिक जागरूकता, अनुशासन, सेवा और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को विकसित करना था.
यहां पढ़ें: RSS के सौ साल से जुड़ी इस विशेष सीरीज की हर कहानी
पीएमओ द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि पिछली शताब्दी में आरएसएस ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक कल्याण और आपदा राहत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इसके स्वयंसेवकों ने बाढ़, भूकंप और चक्रवात सहित प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत और पुनर्वास प्रयासों में सक्रिय रूप से भाग लिया है.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







