Rajasthan: रॉड और डंडों से पीटा फिर ट्रैक्टर से कुचल दिए पैर, मनरेगा मजदूर को बेरहमी से उतारा मौत के घाट
AajTak
Rajasthan: तकरीबन सात महीने पहले भी सुखलाल गुर्जर की दूसरे पक्ष के साथ मारपीट हो गई थी. अब गांव के उन्हीं लोगों ने बड़ी बेरहमी से सुखलााल की हत्या कर दी. दोनों के बीच इस बात को लेकर चल रही थी जंग...
राजस्थान के बूंदी जिले में कुछ लोगों ने एक 40 साल के मजदूर को रॉड और डंडों से पीट-पीटकर मार डाला. इस दौरान हमलावरों ने मजदूर के पैरों को ट्रैक्टर से कुचला दिया. वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे के विवाद में इस वारदात को अंजाम दिया गया. पुलिस ने इस मामले में 9 लोगों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया है.
पुलिस के अनुसार, तालेरा थाना इलाके के चंदा का तालाब निवासी सुखलाल गुर्जर सरकार की ग्रामीण रोजगार योजना मनरेगा के तहत एक मजदूर करता था. रविवार को मोटरसाइकिल से वह घर लौट रहा था, तभी घात लगाकर बेठे आरोपियों ने उस पर हमला कर दिया.
सूचना मिलने पर उसके परिजन और पुलिस मौके पर पहुंचे. गंभीर रूप से घायल को कोटा के एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद मृतक के शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया और शव परिजनों को सौंप दिया गया.
पुलिस ने बताया कि जंगल के चरागाह के एक भूखंड पर कब्जा करने को लेकर सुखलाल गुर्जर का गांव के कुछ लोगों के साथ विवाद चल रहा था. करीब 7 महीने पहले दोनों पक्षों में हाथापाई भी हुई थी. उस दौरान दूसरे पक्ष के एक युवक का हाथ फ्रैक्चर हो गया था.
पुलिस ने कहा कि मुख्य आरोपियों की पहचान गुर्जराज गुर्जर और भोजराज गुर्जर के रूप में हुई है. दोनों के गिरफ्तार कर लिया गया है. बाकी आरोपियों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं.
केरल में ड्राइविंग के दौरान नियमों की धजी उड़ाने वाले शख्स पर कार्रवाई करते हुए मोटर व्हीकल विभाग ने तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है. अलप्पुझा के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) आर. रामनन की जांच के बाद आरोपी पुजारी बैजू विंसेंट के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर किया गया है.
दिल्ली-कनाडा फ्लाइट को बीते सप्ताह उड़ाने की धमकी एक मेल के जरिए दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने 13 साल के एक बच्चे को पकड़ा है. यह मेल बच्चे ने हंसी-मजाक में भेज दिया था. वह यह देखना चाहता था कि धमकी भरा मेल भेजने के बाद पुलिस उसे ट्रेस कर पाती है या नहीं. अब उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा.
‘जिस घर में कील लगाते जी दुखता था, उसकी दीवारें कभी भी धसक जाती हैं. आंखों के सामने दरार में गाय-गोरू समा गए. बरसात आए तो जमीन के नीचे पानी गड़गड़ाता है. घर में हम बुड्ढा-बुड्ढी ही हैं. गिरे तो यही छत हमारी कबर (कब्र) बन जाएगी.’ जिन पहाड़ों पर चढ़ते हुए दुख की सांस भी फूल जाए, शांतिदेवी वहां टूटे हुए घर को मुकुट की तरह सजाए हैं. आवाज रुआंसी होते-होते संभलती हुई.