Punjab में 'सत्ता संघर्ष' आउट ऑफ़ कंट्रोल! परफॉर्मेंस के बाद भी कैप्टन हुए 'फेल'
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कांग्रेस को इस वक्त पंजाब में ओलावृष्टि का सामना करना पड़ रहा है. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएम की कुर्सी खाली कर दी है लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू के लिए उनके कारतूस अभी खाली नहीं हुए हैं. नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ कैप्टन मोर्चा संभाले रहे. उन्होंने आलाकमान को बार-बार अपना पक्ष बताया. सरकार के काम गिनाए, कामयाबियां गिनाईं लेकिन पार्टी को यही लगा कि एंटी इन्कंबेंसी का रूख मोड़ना है तो चेहरा बदल देना चाहिए. चंडीगढ़ में विधायकों की बैठक बुलाने के साथ ही साफ हो गया कि कैप्टन के लिए संभावनाओं के द्वार बंद हो चुके हैं.अब कैप्टन की कश्ती कहां जाकर किनारे लगती है ये देखने वाली बात होगी. आखिर परफॉर्मेंस के बाद भी कैप्टन क्यों हुए 'फेल'.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.
लोकसभा चुनाव के आखिरी फेज में प्रचार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आध्यात्मिक यात्रा पर जा रहे हैं. इस बार वे कन्याकुमारी में आध्यात्मिक प्रवास पर हैं. पीएम मोदी 30 मई से 1 जून तक कन्याकुमारी में ध्यान लगाएंगे. स्वामी विवेकानन्द ने भी यहीं तप किया था. पीएम ने 2019 में केदारनाथ, 2014 में शिवाजी के प्रतापगढ़ में ध्यान लगाया था.