
PM मोदी के रूस दौरे पर नाराज हुए थे अमेरिकी राजदूत, अब भारत ने दिया दो टूक जवाब
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पीएम मोदी के रूस दौरे से अमेरिका नाराज हुआ था. भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने भी कड़ी टिप्पणी की थी जिस पर अब भारत के विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है.
भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कुछ दिनों पहले कहा था कि भारत-अमेरिका संबंध पहले से कहीं अधिक गहरे हैं लेकिन भारत को अमेरिका की दोस्ती को हल्के में नहीं लेना चाहिए. उनकी यह कड़ी टिप्पणी पीएम मोदी के रूस दौरे के ठीक बाद आई थी जिसे अमेरिका की नाराजगी की तरह लिया गया था. अब भारत ने गार्सेटी की इस टिप्पणी का जवाब दिया है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी राजदूत की टिप्पणी पर कहा कि दूसरे देशों की तरह भारत भी अपनी रणनीतिक स्वायत्तता को महत्व देता है.
उन्होंने कहा, 'अमेरिकी राजदूत को अपनी राय रखने का हक है. जाहिर है, हमारे विचार अलग-अलग हैं. अमेरिका के साथ हमारी वैश्विक रणनीतिक साझेदारी हमें कुछ मुद्दों पर असहमति का सम्मान करने का भी अवसर देती है.'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा, 'भारत और अमेरिका आपसी हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर नियमित चर्चा करते हैं. राजनयिक बातचीत का ब्योरा साझा करना हमारी परंपरा नहीं है.'
ट्रंप पर हुए हमले पर विदेश मंत्रालय
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रणधीर जायसवाल ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, 'हम डोनाल्ड ट्रंप पर हमले से वाकिफ हैं. ये खबर आने के कुछ घंटों के अंदर ही हमारे प्रधानमंत्री ने हमले पर चिंता जताई और घटना की कड़ी निंदा की. उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति और लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है. अमेरिका हमारा सहयोगी लोकतंत्र है और हम उसकी भलाई चाहते हैं.'

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