PM मोदी के दौरे के बाद ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में क्या छपा?
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऑस्ट्रेलिया यात्रा की चर्चा वहां के अखबारों में भी खूब हो रही है. अखबार लिख रहे हैं कि ऑस्ट्रेलिया में मोदी का भव्य स्वागत किया गया और पीएम एल्बनीज ने उन्हें बॉस कहकर संबोधित किया. ऑस्ट्रेलियाई अखबार यह भी कह रहे हैं कि दोनों नेताओं की मुलाकात में कहीं भी रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र नहीं हुआ.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय ऑस्ट्रेलिया यात्रा काफी चर्चा में है. मंगलवार को उन्होंने सिडनी में भारतीय प्रवासियों को संबोधित किया और कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंध आपसी विश्वास और सम्मान पर आधारित हैं. अपने दौरे के दूसरे दिन बुधवार को उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज से द्विपक्षीय मुलाकात की. पीएम मोदी के इस दौरे को भारतीय मीडिया में काफी कवरेज दी जा रही है. ऑस्ट्रेलिया की मीडिया में भी पीएम मोदी छाए हुए हैं और वहां के सभी बड़े अखबार पीएम मोदी के दौरे को तवज्जो दे रहे हैं.
ऑस्ट्रेलिया के अखबार 'द बॉर्डर मेल' ने पीएम मोदी के उस बयान से अपने खबर की शुरुआत की है जिसमें पीएम मोदी ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंध टी-20 मोड में आ गए हैं. पीएम मोदी ने बुधवार को अल्बनीज के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. इसके बाद पीएम मोदी ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पिछले एक साल में यह हमारी छठी मुलाकात है. क्रिकेट की भाषा में कहें तो हमारे संबंध टी-20 मोड में आ गए हैं.
अखबार ने पीएम के इस बयान का जिक्र करते हुए लिखा, 'क्रिकेट प्रेमियों के देश (ऑस्ट्रेलिया) में एक भव्य स्वागत के बाद नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि ऑस्ट्रेलिया के साथ कूटनीतिक संबंध टी-20 मोड में आ चुके हैं. पीएम ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के रिश्तों की नींव लोकतांत्रिक मूल्य हैं.'
मंदिरों पर हमले वाले बयान का जिक्र
ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हो रहे हमलों को लेकर पीएम मोदी के बयान का जिक्र करते हुए अखबार ने लिखा, 'भारतीय पीएम ने ऑस्ट्रेलिया में हिंदू मंदिरों पर हो रहे हमलों का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के सौहार्दपूर्ण रिश्तों को कोई भी तत्व अपने विचारों अथवा काम से नुकसान पहुंचाए, ये हमें स्वीकार्य नहीं है.'
अखबार ने लिखा कि दोनों नेताओं ने एक प्रवासन और मॉबिलिटी पार्टनरशिप पर हस्ताक्षर किया, जो छात्रों, स्नातकों, शोधकर्ताओं और बिजनेस से जुड़े लोगों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा और लोगों की तस्करी को रोकने में सहयोग बढ़ाएगा. एक नए ऑस्ट्रेलिया-भारत ग्रीन हाइड्रोजन टास्क फोर्स की शर्तों पर भी दोनों नेताओं के बीच सहमति बनी.