
OMG 2 को तो एडल्ट सर्टिफिकेट मिल गया, क्या दर्शक के तौर पर हमारा बर्ताव 'एडल्ट' है?
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अक्षय कुमार की फिल्म 'OMG 2' को आखिरकार सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिल तो गया है, लेकिन 'एडल्ट' कैटेगरी में. धार्मिक एंगल वाली इस फिल्म का प्लॉट सेक्स एजुकेशन जैसे टॉपिक से डील करता है. सेंसर बोर्ड ने फिल्म को सर्टिफिकेट देने में काफी सोच-विचार किया. लेकिन दर्शकों पर फिल्म के आफ्टर इफेक्ट को लेकर, बोर्ड का इतना विचार करना बतौर ऑडियंस हमारे बारे में क्या कहता है?
आखिरकार अक्षय कुमार की फिल्म 'OMG 2' का ट्रेलर आ गया है. और जैसी उम्मीद थी, फिल्म के लिए जनता का शुरुआती रिएक्शन बहुत पॉजिटिव है. हालांकि, अब किसी फिल्म का ट्रेलर आए और सोशल मीडिया पर कुछ लोग उसमें नेगेटिव चीज न खोज निकालें, ऐसा होना असंभव सा हो चुका है. पिछ्ले कुछ समय में तो फिल्मों का विरोध सोशल मीडिया से शुरू होकर रियल जमीन पर भी खूब उतरने लगा है. तो अब ये बस कुछ देर का इंतजार ही है कि सोशल मीडिया पर 'OMG 2' के ट्रेलर पर भी कोई नया नेगेटिव ट्रेंड शुरू हो. और वो भी तब, जब अक्षय की फिल्म पहले ही बड़ी मुश्किल से सेंसर बोर्ड की ऊंची दीवारें लांघकर किसी तरह बाहर निकली है.
सेंसर बोर्ड की टेबल पर अटकी 'OMG 2'
फैन्स थिएटर्स में 11 अगस्त को एक बड़ा क्लैश देखने के लिए तैयार थे. सनी देओल की 'गदर 2' और अक्षय की 'OMG 2' एक साथ थिएटर्स में रिलीज होनी हैं. जहां 'गदर 2' का ट्रेलर आ चुका था और जनता में फिल्म का माहौल बनने लगा, वहीं 'OMG 2' इस रेस में थोड़ा पीछे रह गई. फिल्म के पोस्टर, टीजर और गाने को तो जनता से सॉलिड रिस्पॉन्स मिला...लेकिन ट्रेलर नहीं रिलीज हुआ. रिपोर्ट्स बताती हैं कि रिलीज से करीब एक महीना पहले सेंसर बोर्ड ने 'OMG 2' देखी, लेकिन फिल्म को सेंसर सर्टिफिकेट देने की बजाय, इसे रिविजन कमिटी के पाले में डाल दिया.
दरअसल रामायण पर आधारित 'आदिपुरुष' की रिलीज के बाद, तगड़ी आलोचना झेल चुका सेंसर बोर्ड अक्षय की फिल्म को लेकर पहले से ही अतिरिक्त सावधानी बरत रहा है. सेंसर बोर्ड में फिल्म अटकने के दौरान खबर आई कि 'OMG 2' एक सेंसिटिव फिल्म है जिसका प्लॉट सेक्स-एजुकेशन पर बेस्ड है. फिल्म में एक महत्वपूर्ण सीक्वेंस, मास्टरबेशन पर बात करता है. तो पंगा ये था कि एक तरफ तो फिल्म का कनफ्लिक्ट यानी मुद्दा ही एक ऐसा टॉपिक है जिसे लेकर लोग बड़ी जल्दी असहज हो जाते हैं. ऊपर से 'OMG 2' में इस पेंचीदा टॉपिक का हल निकालने के लिए कहानी में जिस किरदार का सहारा लिया गया, वो खुद भगवान है. ठीक वैसे ही जैसे पहली फिल्म, 'OMG' में भी हुआ था. फर्क बस ये है कि पहली फिल्म में अक्षय ने जो किरदार निभाया वो भगवान कृष्ण को रिप्रेजेंट कर रहा था. इस बार अक्षय का किरदार भगवान शिव को रिप्रेजेंट कर रहा है.
कट्स, बदलाव और सुझाव
सेंसर बोर्ड से मेकर्स, फिल्म के लिए कम से कम 'U/A' सर्टिफिकेट चाहते थे. यानी 18 साल से कम उम्र के नाबालिग, किसी व्यस्क की गाइडेंस में फिल्म देख सकते हैं. जबकि बोर्ड इसे 'A' सर्टिफिकेट के साथ पास करना चाहता था. यानी 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोग ही फिल्म देख सकते हैं.

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