Mukesh Ambani Birthday: 66 साल के हुए मुकेश अंबानी, एशिया के सबसे अमीर... जानिए कामयाबी की कहानी
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6 जुलाई 2002 को धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद Mukesh Ambani ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमान अपने हाथ में ली थी. हालांकि, पिता का निधन होते ही उनके और छोटे भाई अनिल अंबानी के बीच संपत्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया था और ये विवाद बंटवारे तक पहुंच गया था.
देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) आज 66 साल के हो गए. उनका जन्म 19 अप्रैल 1957 को भारत के बाहर यमन में हुआ था. एशिया के सबसे अमीर और दुनिया के शीर्ष अरबपतियों की लिस्ट में 13वें पायदान पर काबिज मुकेश अंबानी के नेतृत्व में रिलायंस ग्रुप लगातार नए आयाम छू रहा है. RIL का मार्केट कैप इस समय 15 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है और इस हिसाब से ये दुनिया की सबसे मूल्यवान 50 कंपनियों में शामिल है. पिता धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद मुकेश अंबानी ने रिलायंस की कमान अपने हाथ में ली और इसे बुलंदियों पर पहुंचा दिया. आइए उनके कारोबारी सफर पर एक नजर डालते हैं.
एशिया में नंबर एक अमीर हाल ही में फोर्ब्स ने 2023 की बिलेनियर्स लिस्ट (Forbe's 2023 Billionaires) जारी की थी और इसमें एशिया के सबसे अमीर इंसान का ताज मुकेश अंबानी (Asia's Richest Mukesh Ambani) के सिर सजा था. फोर्ब्स के रियल टाइम बिलेनियर्स इंडेक्स के मुताबिक, 84.1 अरब डॉलर की नेटवर्थ (Mukesh Ambani Net Worth) के साथ मुकेश अंबानी दुनिया के टॉप अरबपतियों की लिस्ट में 13वें पायदान पर काबिज हैं. बीते साल तक अंबानी इस लिस्ट में लंबे समय तक टॉप-10 में शामिल रहे थे. इस मुकाम तक पहुंचने का मुकेश अंबानी का सफर बेहद दिलचस्प रहा है. उनके पिता दिवंगत धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) जहां रिलायंस इंडस्ट्रीज को छोड़कर गए थे, वहां से अंबानी इसे ऐसे मुकाम पर ले गए, जहां देश-दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां उससे काफी पीछे रह गईं.
पढ़ाई बीच में छोड़ बिजनेस से जुड़े मुकेश अंबानी ने बॉम्बे यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है. इसके बाद उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में भी एडमिशन लिया था, लेकिन यहां अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर उन्होंने पिता के साथ कारोबार में हाथ बंटाना शुरू कर दिया था. मुकेश अंबानी ने 1981 में अपने पिता धीरूभाई अंबानी के साथ मिलकर रिलायंस ग्रुप में एंट्री ली थी. इसके बाद 1985 में कंपनी का नाम रिलायंस टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज लिमिटेड से बदलकर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड कर दिया गया. पिता के कंधे से कंधा मिलाकर चलते हुए मुकेश अंबनी ने पेट्रोलियम के अलावा टेलीकॉम क्षेत्र में भी अपने कदम आगे बढ़ाए और रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड की स्थापना की.
पिता के निधन के बाद संभाली कमान 6 जुलाई 2002 को धीरूभाई अंबानी के निधन (Dhirubhai Ambani Death) के बाद मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज (Mukesh Ambani Reliance) की कमान अपने हाथ में ली. हालांकि, पिता का निधन होते ही उनके और छोटे भाई अनिल अंबानी के बीच संपत्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया था और ये विवाद बंटवारे तक पहुंच गया था. अंबानी फैमिली में बंटवारे के तहत रिलायंस इंफोकॉम छोटे भाई अनिल अंबानी के पास पहुंच गई, जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड मुकेश अंबानी के पास आ गई.
75,000 करोड़ की कंपनी आज सबसे मूल्यवान जब मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की बागडोर अपने हाथ में ली थी, तब साल 2002 में इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन महज 75,000 करोड़ रुपये था. इसके बाद मुकेश अंबानी ने अपनी मेहनत और लगन से रिलायंस इंडस्ट्रीज को देश की सबसे बड़ी के कंपनी बना दिया. बीते साल 2022 में रिलायंस 19 लाख करोड़ एमकैप वाली देश की पहली कंपनी बनी थी. हालांकि, तब से इसकी मार्केट वैल्यू में गिरावट आई है, लेकिन फिर भी फिलहाल ये 15 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है. एक ओऱ जहां मुकेश अंबानी ने अपनी काबिलियत की दम पर रिलायंस को बुलंदियों पर पहुंचाया, तो वहीं उनके छोटे भाई अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस कैपिटल अब बिकने की कगार पर पहुंच चुकी है.
हर सेक्टर में मुकेश अंबानी की धमक मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमान हाथ में लेने के बाद न केवल पेट्रोलियम बल्कि रिटेल, लाइफ साइंसेज, लॉजिस्टिक्स, टेलीकॉम और इंफ्रास्क्ट्रक्चर के क्षेत्र में अपनी दमदार दस्तक दी. उनकी रिलायंस रिटेल भारत की सबसे बड़ी रिटेल बिजनेस की कंपनी है और लगातार अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करती जा रही है. इसके अलावा रिलायंस जिओ, जिसे अंबानी ने 2016 में लॉन्च किया इस क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी बनकर उभरी.
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