MP: अच्छे-अच्छे इंजीनियर फेल, इस मुस्लिम शख्स ने पशुपतिनाथ मंदिर में लटका दिया 3700 किलो का सबसे वजनी घंटा
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डीएम ने कहा, 37 क्विंटल वजन वाले इसे घंटे को स्थापित करने को लेकर मैं भी डरा हुआ था कि कहीं कोई दुर्घटना ना हो जाए लेकिन नाहरू भाई की मदद से इस काम को 15 दिन में पूरा कर लिया गया. डीएम ने कहा, जैसा हमने सोचा था उससे भी अच्छे तरीके से नाहरू भाई ने इसे फिट कर दिया है.
मध्य प्रदेश के मंदसौर में पशुपतिनाथ मंदिर 3700 किलो का घंटा लगाया गया है. बताया जा रहा है कि देश का सबसे वजनी घंटा है. इस महा घंटे के निर्माण के लिए लोगों के घरों से तांबे और पीतल के पुराने बर्तन दान में लिए गए और लगभग 3 सालों में यह घंटा बनकर तैयार हुआ है.
पिछले दो सालों से यह बनकर मंदिर परिसर में ही रखा हुआ था क्योंकि 37 क्विंटल के इस घंटे को लटकाने का खतरा मोल लेना नहीं चाहता था.
इस बीच मंदसौर के कलेक्टर गौतम सिंह ने इसे मंदिर में लगवाने का फैसला लिया और नाहरू खान नाम के शख्स को बुलवाया. उस शख्स ने मंदिर में घंटे को लटकाने के लिए दस दिन का समय मांगा. नाहरू खान ने दिमाग का इस्तेमाल कर इस काम को आखिरकार कर दिया.
घंटे को टांगे जाने के बाद इसे सबसे पहले बजाने वालों में नाहरू खान के अलावा, विधायक यशपाल सिंह ,कलेक्टर गौतम सिंह और घंटा समिति के दिनेश नागर शामिल थे. बताया जा रहा है कि मंदसौर में जब भी कोई बड़ा काम रुकता है तो सिर्फ दूसरी कक्षा तक पढ़े नाहरू खान ही काम आते हैं.
घंटा अभियान समिति के सदस्य दिनेश नागर ने बताया कि लगभग डेढ़ सौ अलग-अलग इलाकों से लोगों के घरों से पीतल और तांबे के पुराने बर्तन इकट्ठे किए गए और शिव घंटे का निर्माण किया गया था.
पहले लक्ष्य 21 क्विंंटल वजन का रखा गया था लेकिन लोगों के घरों से आस्था के रूप में इतने पुराने बर्तन दान किए गए की इसका वजन 37 क्विंटल तक पहुंच गया.
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