Mahima Shanidev ki : जब शनिदेव की वास्तविकता आंकने के लिए इंद्र ने शुक्राचार्य से मांगी मदद, जानिए कथा
ABP News
देवराज इंद्र (devraj Indra) ये जानकार खुश हुए कि शनि सूर्यदेव पुत्र हैं, लेकिन शुक्राचार्य को शनि के न्यायधिकारी होने का शक था.
Mahima Shanidev ki : देवराज इंद्र को जब शनिदेव के सूर्यदेव का पुत्र होने का पता चला तो उन्हें यकीन हो गया कि महादेव की भविष्यवाणी के मुताबिक उत्पन्न शक्तिपुंज शनिदेव ही हैं. वहीं इनके तटस्थ होने की भविष्यवाणी के नाते शुक्राचार्य मानते थे कि असली शक्तिपुंज कोई देवपुत्र नहीं हो सकता है और अब तक शनि देव को लेकर किए सभी प्रयास निरर्थक हो गए हैं. देव और दानव दोनों में असमंजस की स्थिति थी, लेकिन हर कोई उस शक्तिपुंज को कब्जे में लेना चाह रहा था.
ऐसे में इंद्र ने एक युक्ति सुझाई. देवराज ने शुक्राचार्य से कहा कि हमें हर हाल में शनिदेव की वास्तविकता आंकनी होगी. ये देखना होगा कि वास्तव में वह सूर्य पुत्र शनि हैं या शक्तिपुंज कर्मफलदाता शनि. दोनों पक्ष देव विश्वकर्मा के उस कथन को याद करते हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि असली कर्मफलदाता ही महादेव के आदेश पर बनाए दिव्य दंड को उठा सकता है. सभी को इंतजार था कि शनिदेव विश्वकर्मा की प्रयोगशाला में रखा दिव्य दंड उठाएं. अगर वह सक्षम रहे तो निश्चित तौर पर वही असली न्याय अधिकारी, कर्मफलदाता होंगे.