Indian Railways hikes fare: ट्रेन यात्रियों को बड़ा झटका, रेलवे ने बढ़ाया किराया, जानें कितना पड़ेगा जेब पर असर
AajTak
भारतीय रेलवे ने यात्री ट्रेनों के किराए को बढ़ा दिया है. बढ़े हुए किराए की जानकारी देने के साथ रेलवे ने कहा कि पहले से ही यात्री की हर यात्रा में बडा नुकसान उठाना पड़ता है. टिकटों पर भारी सब्सिडी दी जाती है.
भारतीय रेलवे ने यात्री ट्रेनों के किराए को बढ़ा दिया है. रेलवे द्वारा जारी बयान के मुताबिक कम दूरी के ट्रेनों के किराए को बढ़ाया गया है. रेलवे का किराया बढ़ाने के पीछे का तर्क यह है कि कोरोना वायरस के खतरे को ध्यान में रखते हुए किराए में बढ़ोतरी की गई है ताकि ट्रेनों में ज्यादा लोग न चढ़ें. रेलवे द्वारा बढ़ाए गए किराए का असर 30-40 किमी तक का सफर करने वाले यात्रियों पर पड़ेगा. रेलवे (Indian Railways) ने बताया कि बढ़ने वाला किराए का असर केवल 3 प्रतिशत ट्रेनों पर पड़ेगा. इंडियन रेलवे ने कहा, कोविड का प्रकोप अब भी मौजूद है और वास्तव में कुछ राज्यों में कोविड की स्थिति बिगड़ रही है. ऐसे में बढ़े हुए किराए को ट्रेनों में भीड़ को रोकने और कोविड को फैलने से रोकने के लिए रेलवे की सक्रियता के रूप में में देखा जाना चाहिए. रेलवे के मुताबिक, 'पहले से ही यात्री की हर यात्रा में बडा नुकसान उठाना पड़ता है. टिकटों पर भारी सब्सिडी दी जाती है.'जर्मनी से 35 दिन बाद वापस लौटने पर जेडीएस के निष्कासित सांसद रेवन्ना को बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया था. कर्नाटक पुलिस की एसआईटी ने कोर्ट से रेवन्ना की 14 दिनों की कस्टडी की मांग की थी. दोनों पक्षों की तरफ से अपनी-अपनी दलीलें दी गईं. लंबी-चौड़ी दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने रेवन्ना को 6 जून तक SIT हिरासत में भेज दिया है.
असम में चक्रवात रेमल के बाद लगातार बारिश के कारण 9 जिलों में बाढ़ की स्थिति से दो लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. 28 मई से राज्य में बाढ़, बारिश और तूफान में कुल मिलाकर छह लोगों की मौत हो गई है. वहीं मणिपुर का राजभवन भी बाढ़ के पानी से लबालब हो चुका है. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि चक्रवात रेमल के बाद पिछले कुछ दिनों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण मणिपुर के राजभवन में जलभराव हो गया है.
बार और रेस्टोरेंट्स की ओर से पेश वकील वीना थडानी ने तत्काल सुनवाई के लिए याचिकाओं का उल्लेख किया और कहा कि पुणे में हुई घटना के बाद से कुछ दस्तावेज प्रस्तुत न करने जैसे मामूली मुद्दों पर बार और रेस्टोरेंट्स के लाइसेंस निलंबित किए जा रहे हैं. थडानी ने कहा कि इन प्रतिष्ठानों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हाल ही में एक बयान दिया है कि उन्होंने धर्म के आधार पर आरक्षण की समीक्षा करने की बात कही है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर कहीं भी संविधान विरुद्ध कोई कार्य हो रहा है, तो उसकी समीक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि ओबीसी के आरक्षण का लाभ ले रहे मुस्लिमों की समीक्षा करेंगे. यह बयान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की ओर से आरक्षण प्रणाली के बारे में एक महत्वपूर्ण बयान है.