Hijab Protest: Iran में हिजाब विरोधी प्रदर्शन, अब तक 31 प्रदर्शनकारियों की मौत
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ईरान में हिजाब का मामला गर्माता जा रहा है. ईरान में किस कदर महिलाएं हिजाब पहनने का विरोध कर रही हैं. अब वो दुनिया में बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है. 16 सितंबर से शुरू हुआ ये पूरा बवाल दरअसल पुलिस कस्टडी में हुई 22 साल की ईरानी लड़की महसा अमिनी की मौत के बाद बढ़ा. आवाम की महिलाएं और लड़कियां सड़कों पर प्रदर्शन के लिए उतरी हुई हैं. ईरान में हिजाब पहनने के सख्त कानून के बावजूद इसका विरोध बढ़ता जा रहा है.
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मन विदेश मंत्रालय की ओर से की गई टिप्पणी पर भारत ने कड़ा एतराज जताया था. भारत ने कहा था कि हम ऐसी टिप्पणियों को हमारी न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर करने के रूप में देखते हैं. जिसके बाद जर्मनी ने अपने बयान से यू-टर्न ले लिया है.
इजरायल-हमास जंग में सीधा दखल देते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने गाजा में लड़ाई रोकने का प्रस्ताव पास किया. ये यूनाइटेड नेशन्स की सबसे मजबूत शाखा है. ऐसे में जाहिर है कि उसका कहना भी खासा मायने रखेगा. लेकिन क्या हो अगर कोई देश उसकी बात को नजरअंदाज कर दे? कब और क्या-क्या एक्शन ले सकती है परिषद?
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि पिछले हफ्ते मॉस्को के बाहरी इलाके में मौजूद क्रोकस सिटी हॉल में हुआ घातक हमला इस्लामी आतंकवादियों द्वारा किया गया है. हालांकि, पुतिन ने मामले में यूक्रेन को क्लीन चिट नहीं दी है. पुतिन ने कहा कि ये यूक्रेन के लिए भी फायदेमंद था और हो सकता है कि कीव ने इसमें भूमिका निभाई हो. उन्होंने ये टिप्पणी आतंकी हमले के जवाब में रूस द्वारा हुई एक मीटिंग के दौरान की. इससे पहले फ्रांस ने अमेरिका के हां में हां मिलाते हुए कहा कि, खुफिया जानकारी से संकेत मिलता है कि हॉल में हुए हमले के लिए इस्लामिक स्टेट जिम्मेदार है. आपको बता दें कि इस हॉल में 4 आतंकियों ने घुसपैठ की और करीब 140 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवाई.
ईरान के जुर्माने से बचने के लिए पाकिस्तान ने उठाया ये कदम तो अमेरिका ने दी प्रतिबंध लगाने की चेतावनी
अमेरिका ने पाकिस्तान को पाक-ईरान गैस पाइपलाइन परियोजना को लेकर चेतावनी दी है. अमेरिका ने पाकिस्तान को इस परियोजना को रोकने की सलाह दी है. अगर पाकिस्तान ऐसा नहीं करता है तो उसे अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है. इस प्रोजेक्ट को लेकर मई 2009 में पाकिस्तान और ईरान के बीच समझौता हुआ था.