
GYAN पर ध्यान, GYAN को सम्मान... पीएम मोदी ने समझाया विकसित भारत का अपना फॉर्मूला
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया टुडे के एडिटर-इन-चीफ तथा चेयरपर्सन अरुण पुरी, वाइस-चेयरपर्सन कली पुरी और ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा से खास बातचीत की. इस दौरान पीएम ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को पूरा करने का फॉर्मूला भी बताया. पीएम ने कहा कि GYAN पर ध्यान, GYAN को सम्मान देने से ही भारत विकसित बनेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के सौ साल पूरे होने तक अर्थात 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है. इंडिया टुडे के एडिटर-इन-चीफ तथा चेयरपर्सन अरुण पुरी, वाइस-चेयरपर्सन कली पुरी और ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा से खास बातचीत में पीएम ने अपने इस संकल्प को पूरा करने का फॉर्मूला भी बताया. पीएम ने कहा कि GYAN पर ध्यान, GYAN को सम्मान देने से ही भारत विकसित बनेगा. अपने फॉर्मूले को डिकोड करते हुए पीएम ने बताया कि यहां GYAN के G का अर्थ है गरीब, Y का अर्थ है युवा, A का अर्थ है अन्नदाता अर्थात किसान और N का अर्थ है नारी अर्थात महिलाएं.
पीएम मोदी ने कहा कि बारीकी से देखें तो आज का जो समय है, उसमें एक ऐतिहासिक समानता है. सौ साल पहले आजादी को लेकर एक उम्मीद थी. 1922 से लेकर 1947 तक के कालखंड में हर कोई स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान देना चाहता था. किसी ने खादी कातकर योगदान दिया, तो किसी ने विभिन्न आंदोलनों में भाग लेकर, लोग जैसे भी योगदान दे सकते थे, उन्होंने दिया. अगले 25 वर्ष देश के लिए महत्वपूर्ण हैं. मैं लोगों में आजादी के 100 साल पूरे होने तक भारत को विकसित देश बनाने के प्रति उसी तरह की उम्मीद और आशा देखता हूं. यही ऊर्जा मेरी प्रेरणा है. आज भारत में जनसंख्या का लाभ है. इस लाभ को उत्पादकता और आर्थिक विकास में बदला जाना चाहिए.
पीएम मोदी ने कहा कि देश को 2047 तक विकसित बनाने के लिए मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता हमारे युवाओं के लिए अच्छा स्वास्थ्य और फिटनेस और उन्हें उचित हुनर से लैस करना होगा. कौशल विकास हमारे स्कूलों से ही शुरू होता है, जहां प्रत्येक कक्षा में युवा दिमागों को नए ढंग से सोचने और समस्याओं का हल ढूंढने के लिए तैयार करने की क्षमता होती है. इस प्रकार हम नई शिक्षा प्रणाली के माध्यम से एक ऐसी प्रणाली विकसित कर रहे हैं जो हमारे बच्चों को 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करती है, एक ऐसी प्रणाली जो उन्हें बाधाओं को अवसरों में बदलना सिखाती है.
उद्योग और निवेश के मामले में अपना रुख स्पष्ट करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारी प्राथमिकता छोटे और मझोले उद्योग-धंधों को मदद तथा शह देना और उनकी उत्पादकता में सुधार करना है. बड़े पैमाने पर उच्च उत्पादकता और उच्च वेतन वाली नौकरियां पैदा करने के लिए इन उद्यमों में बढ़ोतरी जरूरी है. हम उन्हें आसान शर्तों पर पूंजी, टेक्नोलॉजी तक पहुंच, अधिक अवसर और नियम-कायदों में ढील देने की दिशा में काम कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि 2047 तक ‘विकसित देश’ का दर्जा हासिल करने का लक्ष्य रखने वाले बढ़ते भारत को विविध और नवीन स्रोतों के माध्यम से निवेश के वित्त-पोषण की आवश्यकता होगी. देश के वित्तीय क्षेत्र और पूंजी बाजारों को कौशल, क्षमता और नियामक ढांचे के संदर्भ में तैयार करना है, ताकि वे देश की निवेश जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हो सकें, मेरे लिए यह अहम प्राथमिकता है. देश में कारोबारी सहूलियत की जरूरतों के अलावा, हम देश के निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे. इससे इनोवेशन और आर्थिक रूप से परिष्कृत उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा. पीएम ने कहा कि राजकाज में सुधार मेरे दिल के करीब है. प्रदर्शन की जवाबदेही और क्षमता निर्माण कारगर राजकाज के दो स्तंभ हैं जिन्हें हम मजबूत करेंगे.
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