Farmers' Protest की महिला ब्रिगेड को नहीं घर जाने की जल्दी, जानिए पूरी बात
AajTak
भारी संख्या में किसान दिल्ली के सिंघु, गाजीपुर, टिकरी आदि बॉर्डरपर डटे थे. तीन कृषि कानूनों के खिलाफ इस लड़ाई में पुरुषों ने ही नहीं बल्कि महिलाओं ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और सभी बाधाओं को पुरुषों के साथ कन्धा मिला पर पार किया. चाहे सड़क जाम हो, रेल रोको आंदोलन हो, धरना हो या शक्ति प्रदर्शन, महिला किसानों ने सभी में भाग लिया. आज जब किसान अपने अपने घरों को लौटने को तैयार हैं, ऐसे में महिला किसानों को घर लौटने की कोई जल्दी नहीं है. एक महिला ने कहा कि अगर सरकार में लिखित में देती है कि कानून वापसी होगी तो ठीक नहीं तो वो 2024 तक दिल्ली बॉर्डर पर बैठने को तैयार हैं. देखें मनीष चौरसिया की ये रिपोर्ट.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.