
Exclusive Shikha Srivastava Interview: 'शरीर उनका गया, मेरी जिंदगी चली गयी...' राजू श्रीवास्तव की पत्नी ने कॉमेडियन को किया याद
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कार्डियक अरेस्ट आने के बाद 42 दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच जद्दोजहद के बाद राजू श्रीवास्वत ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. राजू को गए हुए कई महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब तक परिवार इस सदमे से उबर नहीं पाया है. हालांकि, उनकी पत्नी शिखा श्रीवास्तव, राजू के सारे अधूरे सपनों को पूरा करना चाहती हैं.
मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव अब हमारे बीच नहीं हैं. उनके जाने के बाद इंडस्ट्री के इस खालीपन को शायद ही कोई भर पाएगा. राजू अपने पीछे कई यादें छोड़ गए हैं. राजू के जाने के बाद उनके परिवार ने खुद को कैसे संभाला है? आज तक संग बातचीत में कॉमेडियन की पत्नी, शिखा श्रीवास्तव ने खास बातें बताई हैं.
राजू जी के जाने के बाद जिंदगी कैसे बदली है, चीजों को कैसे देखती हैं? जिंदगी तो पूरी बदल गई है... मैं शायद इसे कभी बयां नहीं कर पाऊंगी. मेरी जिंदगी का लगभग पूरा हिस्सा राजू जी के साथ गुजरा है. मैं उन्हें बचपन से जानती हूं. मेरी कजिन सिस्टर की शादी उनके बड़े भाई से हुई है. उनकी शादी में ही पहली बार मुलाकात हुई थी. बस तभी से धीरे -धीरे हम दोनों एक दूसरे की जिंदगी बनते चले गए.
शरीर उनका गया है, लेकिन जिंदगी मेरी चली गई है. मेरी लाइफ लाइन थे वो...मेरा पूरा फोकस बच्चों और राजू जी पर ही होता था. लखनऊ से जब मुंबई आई थी, तो मेरे मन में बहुत उधेड़-बुन चलता था. मैंने एक ऐसे इंसान से शादी की थी, जो एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से है, जिसका रेगुलर जॉब टाइमिंग नहीं है. मेरे लिए राजू जी की दुनिया किसी एलियन वर्ल्ड से कम नहीं थी. मैंने इसे एडवेंचर की तरह लिया. राजू काम संभालते थे और मैं उनका घर. हमने साथ में समय को जिया है. सफलता की ऊंचाइयों को छुआ है, तो कई ऐसे डाउन मोमेंट भी रहे हैं, जब मैं उनके साथ डट कर खड़ी रही थी. अपने काम को लेकर राजू जी का पागलपन एक अलग लेवल का होता था. मुझे उनकी खुशी को देखकर खुशी मिलती थी. राजू जी के जाने के बाद मुझे नहीं समझ आ रहा था कि मैं क्या करूंगी, खुद को कैसे संभालूंगी... लेकिन शायद यह बुरा वक्त ही आपको परखता है कि आप कितने स्ट्रॉन्ग हैं. अपने बच्चों के लिए अपनी फैमिली के लिए और सबसे ज्यादा राजू जी के लिए.. मेरा वक्त आ गया है कि मैं स्ट्रॉन्ग बनूं.
राजू जी हमेशा कहते थे कि तुम ऑफिस का काम संभालों, तब इन सब चीजों में मुझे इंटरेस्ट नहीं आता था. मैं टालती रहती थी कि ठीक है न, आप तो हैं ही, सब संभालेंगे. वो चाहते थे कि मैं हमेशा कुछ न कुछ करूं. आज अगर वो कहीं से मुझे देख रहे होंगे, तो जरूर हंस रहे होंगे कि चलो मोनी (राजू द्वारा पुकारा नाम) अब जिम्मेदारी लेने लगी है और जरूर कर लेगी.
उनकी इस दुनिया में जाने के लिए कितनी तैयार हैं आप? ये जो कुछ भी हुआ है, वो इतना अचानक हुआ है कि मुझे अभी तक कुछ समझ नहीं आ रहा है. ऐसा लग रहा है कि सब सपने जैसा चल रहा है. कोई बुरा सपना, जिससे मेरी नींद टूट जाए और सबकुछ पहले जैसा हो जाए. खैर...काम तो करना है.. और हिम्मत तो आ रही है...पता नहीं कहां से ये स्ट्रेंथ मिल रही है. शायद वो ऐसा ही चाहते हैं.
यकीन मानें, वो जितनी भी कॉमेडी करें, लेकिन निजी जिंदगी में वो अपने काम को लेकर बहुत डिसिप्लिन थे. वैसा ही हमसे चाहते थे. अब ऐसा लग रहा है कि वो खुद सब काम करवा रहे हैं. जैसा वो चाहते थें वैसा ही बच्चे भी कर रहे हैं और मैं भी अंजाने में वैसा ही करती जा रही हूं. बहुत चैलेंजेस हैं, वो सबकुछ अधूरा छोड़कर गए हैं. मुझे उन्हें पूरा करना है. बच्चों को सेटल करना है, उनका काम संभालना है.

आशका गोराडिया ने 2002 में एक यंग टेलीविजन एक्टर के रूप में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कदम रखा था. 16 साल बाद उन्होंने सब कुछ छोड़ दिया. इसका कारण थकान नहीं, बल्कि एक विजन था. कभी भारतीय टेलीविजन के सबसे यादगार किरदार निभाने वाली आशका आज 1,800 करोड़ रुपये की वैल्यूएशन वाली कंपनी की कमान संभाल रही हैं.












