
Crime Katha: घरों से खींचकर निकाला और कुल्हाड़ी-तलवारों से काट डाला... बिहार के सबसे बड़े नरसंहार की खौफनाक दास्तान
AajTak
1997 में बिहार के लक्ष्मणपुर बाथे गांव में ऐसा खूनी नरसंहार हुआ था, जिसमें बेरहमी के साथ रणवीर सेना ने 58 दलितों की हत्या कर दी थी. मारे गए लोगों में महिलाएं और कई बच्चे भी शामिल थे. उस वारदात की कहानी आज भी लोगों को सन्न कर देती है.
Bihar Laxmanpur Bathe Massacre: बिहार के इतिहास में कई ऐसे काले अध्याय लिखे गए हैं, जिनके नाम से ही लोग कांप जाते हैं. 28 साल से जहानाबाद का लक्ष्मणपुर बाथे गांव खून से लिखी ऐसी ही एक खौफनाक दास्तान को खुद में समेटे हुए है. जब-जब उस दास्तान का जिक्र कहीं होता है, तो 58 बेगुनाहों की चीख पुकार भरी यादें आज भी कलेजा छील देती है. 'बिहार की क्राइम कथा' में आपको बताएंगे सूबे के सबसे बड़ा नरसंहार की वो कहानी, जिसे सुनकर आज भी लोगों का दिल दहल जाता है. वो नरसंहार जिसके पीड़ित आज भी इंसाफ का इतंजार कर रहे हैं.
भूमि विवाद और जातीय तनाव लक्ष्मणपुर बाथे, बिहार के जहानाबाद जिले में सोन नदी के किनारे बसा एक छोटा-सा गांव है, जहां 180 दलित परिवार मुख्य रूप से दुसाध जाति से आते थे. यह इलाका 1990 के दशक में भूमि विवादों और जातीय तनाव का केंद्र रहा, जहां जमींदारों का वर्चस्व और मजदूरों की मांग आम टकराव का कारण बनी. गांव में बिजली, सड़क जैसी सुविधाओं का अभाव था, जो इसे अलग-थलग रखता था.
दलित समुदाय के तमाम लोग कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन (सीपीआई-एमएल) के समर्थक थे, जो भूमि सुधार और अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे थे. यह गांव नक्सली हिंसा और ऊपरी जातियों के विरोध का प्रतीक बन चुका था. वहां रहने वालों की जिंदगी डर और संघर्ष से भरी थी.
उभरता जातीय संघर्ष 1990 के दशक में बिहार का मध्य क्षेत्र जातीय युद्ध का मैदान बन गया था, जहां ऊपरी जातियां जैसे भूमिहार और राजपूत जमींदारों के हितों की रक्षा के लिए संगठित हो रही थीं. नक्सली समूह, खासकर माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर (MCC) और सीपीआई-एमएल, दलितों और पिछड़ों को संगठित कर भूमि हड़पने और मजदूरी बढ़ाने की लड़ाई लड़ रहे थे. 1992 के बारा नरसंहार में 37 ऊपरी जाति के लोगों की हत्या ने इस तनाव को चरम पर पहुंचा दिया था, जिसे नक्सलियों का काम माना गया. इसका जवाब देने के लिए 1994 में रणवीर सेना का गठन हुआ. रणवीर सेना की स्थापना भोजपुर के बेलाउर में ब्राह्मण जमींदार सुरेश सिंह ने की थी. यह सेना ऊपरी जातियों की निजी मिलिशिया बन गई थी, जो नक्सली हमलों का बदला लेने का दावा करती थी.
ज़रूर पढ़ें- बिहार का वो सनसनीखेज अपहरण कांड, जो 13 साल बाद भी है अनसुलझा रहस्य
रणवीर सेना का उदय रणवीर सेना का नाम 19वीं सदी के योद्धा रणवीर सिंह से प्रेरित था. इस संगठन ने जल्द ही हिंसा का सिलसिला शुरू कर दिया. 1996 के बथानी टोला नरसंहार में 21 दलितों और मुसलमानों की हत्या इसका उदाहरण था, जो बारा का बदला था. 1997 में हाइबासपुर में 16 लोगों को मार डाला गया. ये हमले ऐसी दलित बस्तियों को निशाना बनाकर किए जाते थे, जहां सीपीआई-एमएल का प्रभाव था. पप्पू सिंह जैसे रणवीर सेना के नेताओं को ऊपरी जातियों के जमींदारों से फंडिंग मिलती थी. लालू प्रसाद यादव की आरजेडी के नेतृत्व में चलने वाली बिहार सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठ रहे थे. रणवीर सेना को बाद में प्रतिबंधित कर दिया गया, लेकिन उसके हमले जारी थे. लक्ष्मणपुर बाथे को नक्सली समर्थकों का गढ़ मानकर निशाना बनाया गया.

हरियाणा के पानीपत में सामने आई 'साइको किलर' महिला की कहानी ने लोगों को सदमे में डाल दिया है. पढ़ी-लिखी, शांत और साधारण दिखने वाली पूनम असल में ऐसी साइको किलर निकली, जिसने दो साल में चार मासूम बच्चों की जान ले ली, जिनमें उसका अपना तीन साल का बेटा भी था. पुलिस की पूछताछ में वह कहानी सामने आई, जिसने हर किसी को भीतर तक हिला दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन का स्वागत बहुत ही गर्मजोशी के साथ किया. इस मुलाकात की सबसे खास बात वह तोहफा था, जो प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दोस्त पुतिन को दिया. डिनर के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को रूसी भाषा में लिखी श्रीमद्भगवद्गीता की एक प्रति भेंट की. यह उपहार उनकी दोस्ती और सम्मान को दर्शाता है. जानें कैसा रहेगा पुतिन का आज का शेड्यूल?

Delhi Traffic Advisory: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान दिल्ली के कई मार्गों पर ट्रैफिक प्रभावित रहेगा. दिल्ली में पुतिन का आज (शुक्रवार) मुख्य कार्यक्रम है. जिसकी वजह से सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कुछ मार्गों से बचने की सलाह दी गई है.

पीएम मोदी से दोस्ती, ट्रंप टैरिफ और यूक्रेन जंग... पुतिन का पूरा Super Exclusive इंटरव्यू यहां पढ़ें
क्रेमलिन में 'आजतक' को दिए Super Exclusive इंटरव्यू में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तमाम सवालों का बेबाकी से जवाब दिया. यहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की. इसके अलावा पुतिन ने ट्रंप टैरिफ, यूक्रेन जंग समेत कई मुद्दों पर खुलकर बात की.

आजतक ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मोदी से दोस्ती, ट्रंप टैरिफ और यूक्रेन जंग पर खुलकर अपने विचार रखें. बातचीत के दौरान पुतिन ने भारत की जमकर तारीफ की. पुतिन ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी अगुवाई में भारत विदेशी दबाव में कभी नहीं आएगा. भारत के लोग गर्व कर सकते हैं कि उनका पीएम किसी के दबाव में नहीं आते हैं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ आजतक की खास बातचीत में उन्होंने बताया कि कैसे रूस में gen z से जुड़ाव होता है. पुतिन ने कहा कि यह नया विषय नहीं है क्योंकि साहित्य और कला में हमेशा विरोधाभास होते रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि आज की युवा पीढ़ी की मानसिकता पर टेलीग्राम और फोन के माध्यम से काफी प्रभाव डाला जाता है. यह संवाद रूस की युवा मानसिकता और उनके माध्यमों की समझ को उजागर करता है जिससे बेहतर तरीके से जुड़ा जा सके.







