
Covid-19 JN.1 New Sub-variant: नक्शे में देखें देश के किन 7 राज्यों में फैला कोरोना का नया वैरिएंट JN.1, इन खतरों को लेकर चेता रहे एक्सपर्ट
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Covid-19 JN.1 India updates: क्रिसमस और नए साल के कारण कोरोना के नए सब-वैरिएंट जेएन.1 के मामलों में जनवरी के पहले सप्ताह में उछाल दिखाई देगा जो तीन हफ्ते तक दिख सकता है. कोरोना को लेकर एक्सपर्ट की क्या राय है, इस बारे में स्टोरी में जानेंगे.
Covid-19 JN.1 India updates: देश में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि मंगलवार को भी जारी रही. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार को 412 नए कोरोना के मामले सामने आए हैं जिससे देश में एक्टिव मामलों की संख्या 4,170 हो गई है. कर्नाटक में तीन मौतें भी दर्ज की गई हैं. वहीं कोरोना के नए सब-वैरिएंट जेएन.1 के भी 69 मरीज हो गए हैं. इनमें कर्नाटक से 34, गोवा से 14, महाराष्ट्र से 9, केरल से 6, तमिलनाडु से 4 और तेलंगाना से 2 मामले सामने आए हैं. देश के कुल 4170 कोरोना मरीज देश के 21 राज्यों में हैं. इनमें से सबसे अधिक 3096 मरीज केरल में ही हैं.
एक्सपर्ट का कहना है कि देश में कोरोना के मामले अगले हफ्ते बढ़ सकते हैं और जनवरी के पहले हफ्ते में कोरोना के मरीजों की संख्या दोगुनी भी हो सकती है. इसका कारण क्रिसमस और नए साल में होने वाली भीड़-भाड़ को बताया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ऑफिसर्स ने यह आशंका इन्साकांग की रिपोर्ट के आधार पर जताई है, जिसमें बताया है कि कोरोना वायरस का नया सब-वैरिएंटजेएन.1 भारत के 7 राज्यों में फैल गया है. नवंबर में जेएन.1 के मामले सिर्फ केरल, कर्नाटक और गोवा में ही थे लेकिन अब यह अन्य राज्यों में फैल चुका है. महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गोवा, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, राजस्थान तक यह जेएन.1 पहुंच चुका है.
तेजी से फैलता है वैरिएंट
विशेषज्ञों का कहना है कि अन्य वैरिएंट्स की अपेक्षा जेएन.1 सब-वैरिएंट तेजी से फैलता है. इसका कारण है कि इस वैरिएंट में एक एक्स्ट्रा म्यूटेशन है और इस कारण यह मजबूत इम्यूनिटी और वैक्सीनेटेड लोगों को भी आसानी से संक्रमित कर रहा है. ऐसे में आशंका है कि क्रिसमस और नए साल के कारण जनवरी के पहले सप्ताह में उछाल दिखाई देगा जो तीन हफ्ते तक दिख सकता है. इससे पहले कोरोना के मामले कम होने की उम्मीद नहीं है.
अन्य वैरिएंट भी उभर सकते हैं
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में एक्टिव कोविड-19 मामलों में हुई वृद्धि बीए.2.86 जैसे अन्य वैरिएंट के कारण भी हो सकती है, न कि केवल जेएन.1 सब-वैरिएंट के कारण. इसलिए अन्य वैरिएंट्स और सब-वैरिएंट्स पर भी नजर रखनी जरूरी है.

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