
China on India: ट्रंप से चोट खाकर चीन को याद आई भारत की दोस्ती, कहा- 'ड्रैगन-हाथी मिलकर दुनिया बदल सकते हैं'
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चीन ने कहा कि एक दूसरे के राह में रोड़े अटकाने के बजाए हमें एक दूसरे को आगे बढ़ने में सहयोग करना चाहिए. एक दूसरे से साथ मिलकर काम करना होगा. ऐसा करके ही दोनों देशों और उनके लोगों के हितों को साधा जा सकता है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'टैरिफ प्रेम' से दुनियाभर में भारी तनाव है. दो अप्रैल से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के ट्रंप के बयान ने हड़कंप मचा दिया है. इस बीच चीन ने भारत के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है.
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन और भारत को ऐसे साझेदार होना चाहिए जो एक दूसरे की सफलता में योगदान दें. ड्रैगन और हाथी की कदमताल ही दोनों देशों के लिए सही विकल्प होगा.
चीन ने कहा कि एक दूसरे के राह में रोड़े अटकाने के बजाए हमें एक दूसरे को आगे बढ़ने में सहयोग करना चाहिए. एक दूसरे के साथ मिलकर काम करना होगा. ऐसा करके ही दोनों देशों और उनके लोगों के हितों को साधा जा सकता है.
चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि जब चीन और भारत हाथ मिलाते हैं तो अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में अधिक खुलापन आता है और ग्लोबल साउथ के और मजबूत होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी कोई समस्या नहीं है, जिसे बातचीत से सुलझाया नहीं जा सकता और बिना सहयोग के किसी भी लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता. दोनों देश मिलकर दुनिया को और बेहतर कर सकते हैं.
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बोल्ड फैसलों के बीच दुनियाभर में ट्रेड वॉर का आगाज हो गया है. ट्रंप ने कनाडा, मेक्सिको और चीन पर टैरिफ लगा दिया है. हालांकि, मेक्सिको को इससे कुछ समय के लिए राहत दी गई है. कनाडा को भी कुछ आंशिक राहत दी गई है.
लेकिन ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ के बयान के बाद दुनियाभर में सुगबुगाहट है. इसके बाद अमेरिका में चीन के दूतावास ने बयान जारी कर कहा था कि अगर अमेरिका युद्ध ही चाहता है, तो युद्ध सही. फिर चाहे वह ट्रेड वॉर हो या किसी दूसरी तरह का युद्ध. हम अंत तक लड़ने के लिए तैयार है.

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