Adipurush controversy: सैफ अली खान के खिलाफ शिकायत दर्ज, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप
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आदिपुरुष विवाद: कहा जा रहा है कि फिल्म के ट्रेलर में भगवान राम, सीता, हनुमान जी और रावण का अशोभनीय चित्रण किया गया है. धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है.
फिल्म 'आदिपुरुष' को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. खबर आ रही है कि जौनपुर में न्यायिक मजिस्ट्रेट आशुतोष सिंह ने अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव की शिकायत पर फिल्म 'आदिपुरुष' के निर्माता ओम राउत, प्रभास, सैफ अली खान समेत पांच लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है. कोर्ट ने शिकायत के बयान के लिए 27 अक्टूबर तारीख मुकर्रर की है. कहा जा रहा है कि फिल्म के ट्रेलर में भगवान राम, सीता, हनुमान जी और रावण का अशोभनीय चित्रण किया गया है. धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है.
'आदिपुरुष' को इसके वीएफएक्स और किरदारों के लुक को लेकर ट्रोल किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर यूजर्स 'रावण' के लुक का खासकर मजाक उड़ा रहे हैं. कई लोगों का कहना यह भी है कि फिल्म में जिस तरह से वीएफएक्स दिखाया जाने वाला है, वह खराब नजर आएगा. हालांकि, फिल्म के निर्देशक ओम राउत ने सफाई पेश करते हुए कहा कि यह फिल्म बड़े पर्दे पर जबतक आप नहीं देखेंगे, आपकी सोच नहीं बदलेगी. 'आदिपुरुष' का जो टीजर 2 अक्टबूर को रिलीज हुआ था, उसमें भगवान राम के किरदार में प्रभास, रावण के रोल में सैफ अली खान और माता सीता की भूमिका में कृति सेनन की झलक दिखाई गई है.
'आदिपुरुष' फिल्म के खिलाफ हिंदू सेना की याचिका 'आदिपुरुष' फिल्म के खिलाफ हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता दिल्ली हाईकोर्ट में वकील बरुण कुमार सिन्हा के माध्यम से जनहित याचिका दायर की. हिंदू सेना की मांग है कि फिल्म में जो भी विवादित सीन है, उनको हटाया जाए और जब तक सीन न हटे, तब तक फिल्म सेंसर बोर्ड को आदेश दिया जाए कि वह फिल्म को सर्टिफिकेट जारी न करे.
अरुण गोविल ने किया रिएक्ट 'आदिपुरुष' के टीजर पर रामानंद सागर के किरदारों ने भी आपत्ति जताई है. 'रामायण' फेम अरुण गोविल ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा, 'बहुत वक्त से मेरे दिमाग में बहुत सी बातें चल रही थीं, जिन्हें आपसे शेयर करने का समय आ गया है. रामायण और महाभारत जैसे जितने भी ग्रंथ और शास्त्र हैं, ये हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर है. ये हमारी संस्कृति है, जड़ है. सारी मानव सभ्यता के लिये एक नींव सामान है. ना ही नींव को हिलाया जा सकता है और ना ही जड़ को बदला जा सकता है. नींव या जड़ के साथ किसी तरह का खिलवाड़ या छेड़छाड़ ठीक नहीं है. हमें शास्त्रों से संस्कार मिलते हैं, जीने का आधार मिलता है. ये धरोधर ही हमें जीने की कला सिखाती है. हमारी संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति है.'
अरुण गोविल आगे बात करते हुए कहते हैं कि 'जब ढाई साल पहले कोरोना आया, तो उसने हमारी धार्मिक मान्यताओं को मजबूत किया. कोरोना के दौरान जब रामायण का प्रसारण हुआ, तो उसने विश्व रिकॉर्ड बनाया. ये हमारी मान्यताओं और परंपरा का बहुत बड़ा संकेत है. 35 साल पहले बनी रामायण को हमारी युवा पीढ़ी ने पूरी श्रद्धा और आस्था से देखा.'
अरुण गोविल ने फिल्म मेकर्स और राइटर्स पर बात करते हुए कहा कि 'आपको हमारी नीव, जड़ और धार्मिक संस्कृति से छेड़छाड़ करने का हक नहीं है.' इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि 'क्रिएटिविटी के नाम पर धर्म का मजाक ना बनायें.' वीडियो के अंत में अरुण गोविल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को, धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहरों को पहचान दिलाने के लिये शुक्रिया भी अदा किया.