Aaj Ki Taza Khabar: पढ़ें 14 जुलाई 2022 की शाम की टॉप खबरें और अन्य समाचार
AajTak
Aaj Ki Taza Khabar: पढ़ें 14 जुलाई 2022 की शाम की टॉप खबरें और अन्य समाचार: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा है कि असंसदीय शब्दों पर फैसला लेने की परंपरा आज की नहीं है. उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि सरकार के जरिए शब्दों पर कोई रोक नहीं लगाई गई है.
आज शाम की ताजा खबर ( Aaj Ki Taza Khabar), 10 जुलाई 2022 की खबरें और समाचार: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा है कि असंसदीय शब्दों पर फैसला लेने की परंपरा आज की नहीं है. उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि सरकार के जरिए शब्दों पर कोई रोक नहीं लगाई गई है. वहीं पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो को RSS की PFI से तुलना करने पर नोटिस जारी किया गया है. इसके अलावा मोहम्मद जुबैर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर यूपी में दर्ज सभी 6 एफआईआर को रद्द करने की मांग की है.
1- असंसदीय शब्दों के प्रयोग पर लगी रोक वाले विवाद पर ओम बिरला ने क्या कहा?
लोकसभा और राज्यसभा में 18 जुलाई से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र में सांसद असंसदीय शब्दों का प्रयोग नहीं कर पाएंगे. कई शब्दों के प्रयोग पर रोक लगा दी गई है. इस फैसला का विपक्ष विरोध कर रहा है, नाराजगी जता रहा है कि उन्हें इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनाया गया, राय नहीं ली गई. अब लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने जोर देकर कहा है कि असंसदीय शब्दों पर फैसला लेने की परंपरा आज की नहीं, लंबे समय से चल रही है. उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि सरकार के जरिए शब्दों पर कोई रोक नहीं लगाई गई है.
2- PFI की RSS से तुलना करने पर पटना SSP को मिला नोटिस, 48 घंटे में देना होगा जवाब
पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने RSS की PFI से तुलना कर दी थी, जिसके बाद भड़की बीजेपी ने उन्हें पद से हटाने की मांग की. दूसरी ओर आरजेडी और HAM ने एसएसपी के बयान का समर्थन भी कर दिया. अब एडीजी पुलिस मुख्यालय ने पटना एसएसपी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने पटना के एसएसपी से पूछा है कि आखिर उन्होंने ऐसा बयान क्यों दिया है. इसको लेकर 48 घंटे के अंदर जवाब देने के लिए कहा है.
3- फैक्ट चेकर जुबैर की सुप्रीम कोर्ट में याचिका, यूपी में दर्ज 6 FIR रद्द करने की मांग
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.