
9 महीने तक अपनी ही प्रेग्नेंसी से अंजान रही महिला, अचानक दिया बेटे को जन्म
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पश्चिम बंगाल में एक महिला 9 महीने तक अपनी ही प्रेग्नेंसी से अंजान रही महिला. फिर अचानक उसे पेट दर्द हुआ तो परिवार के साथ अस्पताल पहुंची. जैसे ही डॉक्टरों ने बताया कि वो प्रेग्नेंट है, वह हैरान रह गई. हालांकि, उसने बाद में एक बेटे को जन्म दिया. डॉक्टरों ने बताया कि इस तरह की प्रेग्नेंसी को क्रिप्टो प्रेग्नेंसी कहते हैं.
पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान से बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, यहां एक महिला अस्पताल पहुंची थी. उसने डॉक्टरों को बताया कि उसे असहनीय पेट दर्द हो रहा है. डॉक्टरों ने जैसे ही जांच की तो पता चला कि वो तो 9 माह की गर्भवती है और यह उसे प्रसव पीड़ा उठी है. डॉक्टरों की बात सुनकर महिला और उसके परिवार वाले दंग रह गए. क्योंकि उन्हें पिछले 9 महीनों से पता ही नहीं था कि महिला गर्भवती है.
परिवार वालों की मानें तो न तो महिला के अंदर गर्भावस्था के कोई लक्षण नहीं थे. प्रेग्नेंसी किट में भी इसकी पुष्टि नहीं हुई थी. हां बस पिछले कुछ महीनों से उसके पेट में सूजन थी. डॉक्टरों को चेक करवाया तो उन्होंने इसे एसिडिटी बताया. परिवार वाले भी इस सूजन का कारण एसिडिटी को मानकर चलने लगे. बीच में उन्हें यह भी आशंका हुई कि कहीं ये ट्यूमर तो नहीं.
इसका भी चेकअप करवाया गया. लेकिन ट्यूमर भी नहीं निकला. फिर घर वाले सच में ही मान गए कि महिला के पेट में गैस और एसिडिटी के कारण ही सूजन है. लेकिन शुक्रवार को जब महिला को अचानक से असहनीय पेट दर्द हुआ तो परिवार वाले उसे लेकर अस्पताल लेकर पहुंचे. जब पता चला कि महिला गर्भवती है और यह प्रसव पीड़ा है, तो सभी के होश उड़ गए. हालांकि, इसके बाद महिला ने एक बेटे को जन्म दिया. जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.
मामला कालना के दत्तद्वारियाटन इलाकs का है. कालना महकुमा अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पीयूष कांति ने बताया कि यहां रहने वाली 20 वर्षीय प्रिया क्षेत्रपाल उनके यहां चेकअप के लिए आई थी. महिला पिछले 9 महीने से प्रेग्नेंट थी और उसे इस बारे में पता ही नहीं था. उसे हर महीने मासिक धर्म भी होता रहा. प्रेग्नेंसी से संबंधित कोई भी लक्षण उसमें नहीं दिखा. 9 महीने बाद जाकर पता चला कि वह गर्भवती है.
डॉ. पीयूष कांति ने बताया कि, ''हम इसे क्रिप्टो प्रेग्नेंसी कहते हैं.'' इस मामले में, मरीज में गर्भावस्था के कोई लक्षण नहीं होते हैं. लेकिन बीस सप्ताह बाद प्रेग्नेंसी का पता लग जाता है. वर्तमान में इस तरह के मामले बहुत कम देखने को मिलते हैं. फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. महिला का पहले से एक डेढ़ साल का बेटा है. अब दूसरा बेटा होने से परिवार बहुत खुश है.''

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