72 घंटे में 2500 किमी, पुलिस का पहरा और वज्र वाहन में बाहुबली की यात्रा... पेशी से सजा और फिर जेल वापसी तक अतीक की कहानी
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माफिया ने राजनेता बने अतीक अहमद को उमेश पाल अपहरण केस में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. उसे इस मामले में कोर्ट में पेश करने के लिए यूपी पुलिस साबरमती जेल से प्रयागराज लाई थी. वह करीब 1250 किमी. का सफर तय कर 24 घंटे में यूपी पहुंचा था. सजा मिलते ही उसे सड़क मार्ग से वापस गुजरात ले जाया जा रहा है.
अतीक अहमद, जिसने डर का व्यापार किया. मामूली बदमाश से माफिया डॉन बन गया. जिसने असलहों के दम पर ताकत कमाई और फिर इसी के बूते काली कमाई ढेर लगा दिया. उसके काफिले में बेहिसाब गाड़ियां होती थीं, हर समय असलहाधारी बदमाशों ने घिरा रहता था. पुलिस के हाथ उस तक पहुंच पाते उससे पहले ही राजनीति में एंट्री कर ली. माफिया से माननीय बन गया. पुलिस पर भी काबू पा लिया यानी न कोई FIR न कोई सजा.
हत्या, अपहरण, फिर हत्या.... अतीक अहमद, राजू पाल और उमेश पाल की कहानी
अतीक अहमद का अब राजनीति कद और माफियाराज दोनों ही बढ़ने लगे. इसकी शह पर खुलेआम हत्या, अपहरण, फिरौती जैसे जघन्य अपराध होने लगे. पीड़ितों की तादाद बढ़ने लगी लेकिन अतीक का आतंक इतना था कि न्याय की उम्मीद लगाना बेमानी जैसा ही हो गया. इसका अंजादा इस बात से लगा सकते हैं कि उस पर 1979 से अब तक 100 से अधिक मामले दर्ज हैं, अलग-अलग कोर्ट में 50 मामले विचाराधीन हैं, इन 44 सालों में यूपी के 19 सीएम बदल गए लेकिन उसे किसी मामले में दोषी नहीं ठहराया जा सका था.
जब यह लगने लगा कि अतीक अहमद पर हाथ रख पाना मुश्किल है, उसी पल से अतीक की उलटी गिनती शुरू हो गई. उसने 2006 उमेश पाल का अपहरण कर लिया. उमेश ने अतीक को चुनौती दे दी और कानूनी लड़ाई लड़ी. अतीक को जब लगने लगा कि वह एक मामूली आदमी से हार जाएगा तो उसने इसी साल 24 फरवरी को उसकी हत्या करवा दी लेकिन मौत के बाद उमेश पाल की लड़ाई बेकार नहीं गई. उसने अतीक का 44 साल का आतंक खत्म कर दिया. 28 मार्च को प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने अतीक अहमद को उमेश पाल के अपहरण केस में दोषी ठहराया दिया. इतना ही नहीं उसे उम्रकैद की सजा सुना दी. पहली बार अतीक अहमद को किसी मामले में सजा सुनाई गई है. जिसके नाम से लोग कांपते थे आज वहीं अतीक अहमद डरा हुआ है.
19 CM बदले, शहर का नाम बदला... अतीक पर पहले मुकदमे से पहली सजा तक कितना बदला UP
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