6 बार के सांसद, बाहुबली वाली छवि... कौन हैं 11 साल से कुश्ती संघ पर कब्जा जमाए बैठे बृजभूषण शरण सिंह?
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बृजभूषण शरण सिंह गोंडा के रहने वाले हैं. वे कैसरगंज सीट से बीजेपी सांसद हैं. बृजभूषण सिंह 6 बार के सांसद हैं. वे 2011 से भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद पर हैं. बृजभूषण शरण सिंह का विवादों से भी पुराना नाता रहा है. इससे पहले वे मंच पर एक पहलवान को थप्पड़ मारकर विवादों में आए थे.
भारतीय कुश्ती महासंघ नया अखाड़ा बन गया. इसके केंद्र में हैं महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और देश के करीब 30 नामी पहलवान. जंतर मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह और कुछ कोच पर महिला रेसलर्स के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. धरना देने वाले पहलवानों में बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, सरिता मोर और सुमित मलिक जैसे बड़े नाम शामिल हैं, जिन्होंने समय समय पर ओलंपिक से लेकर कॉमनवेल्थ गेम्स तक कुश्ती की कई वैश्विक प्रतियोगिताओं में मेडल जिताकर देश का गौरव और मान बढ़ाया है. लेकिन यह पहली बार नहीं है, जब बाहुबली बृजभूषण शरण सिंह चर्चा या विवादों में हैं. इससे पहले वे मंच पर एक पहलवान को थप्पड़ जड़ चुके हैं. इतना ही नहीं उन्होंने पार्टी लाइन से हटकर राज ठाकरे के खिलाफ भी मोर्चा खोला था. आईए जानते हैं कि बृजभूषण शरण सिंह कौन हैं, जो 11 साल से भारतीय कुश्ती महासंघ की कुर्सी पर कब्जा जमाए हुए बैठे हैं...
कौन हैं बृजभूषण शरण सिंह ?
बृजभूषण शरण सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष हैं. वे कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद हैं. 6 बार के सांसद बृजभूषण शरण सिंह को सिर्फ राजनीति का माहिर खिलाड़ी ही नहीं माना जाता, बल्कि कुश्ती पहलवानी भी उनका शौक रहा है. बृजभूषण सिंह 2011 से भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बने हुए हैं. बृजभूषण शरण सिंह यूपी के गोंडा जिले के बिशनोहर गांव के रहने वाले हैं. बचपन और युवावस्था में उन्होंने कुश्ती में खूब हाथ आजमाया. इसके बाद उन्होंने 1980 के दशक में छात्र राजनीति की शुरुआत की. वे 1988 में बीजेपी में शामिल हुए. जब राम मंदिर को लेकर आंदोलन हुआ, तो उनकी उग्र हिंदुत्व की छवि ने उन्हें क्षेत्र में लोकप्रिय बना दिया.
बृजभूषण शरण सिंह पहली बार 1991 में चुनाव लड़े थे. उसके बाद राजनीतिक रूप से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर कैसरगंज सीट से जीत दर्ज की. उसके बाद फिर सपा से भी उनकी राहें अलग हो गईं. 2014 चुनाव से पहले बृजभूषण फिर बीजेपी में शामिल हो गए. 2014 और 2019 में वे बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े और लोकसभा पहुंचे.
अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में भी थे आरोपी
बृजभूषण शरण सिंह पर अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराने के मामले में भी आरोपी बनाए गए थे. लेकिन बाद में कोर्ट ने उनको बरी कर दिया. दरअसल आडवाणी समेत जिन 40 नेताओं पर आरोप तय किए गए थे बृजभूषण शरण उनमें से एक थे, जिन्हें 2020 में बरी कर दिया गया.
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