2000 रुपये के नोट वापस लेने के क्या-क्या फायदे? SBI ने गिनाईं ये 4 खूबियां
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 19 मई को 2000 रुपये के नोट को वापस लेने का ऐलान किया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों के पास कंपनियों के कर्ज की आवश्यकता को पूरा करने के लिए बड़े मौके होंगे.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पिछले महीने 2000 रुपये के नोट को वापस मंगाने का ऐलान किया था. अब महीने भर बाद देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपनी एक स्टडी में बड़ा दावा किया है. बैंक की स्टडी के अनुसार, सर्कुलेशन से 2000 रुपये के नोट को वापस लेना देश के बैंकिंग सिस्टम के लिए फायदेमंद साबित होगा. स्टेट बैंक की रिसर्च के अनुसार, रिजर्व बैंक के इस कदम से बैंक डिपॉजिट और लोन का रिपेमेंट बढ़ेगा. साथ ही रिटेल सेंट्रेल बैंक डिजिटिल करेंसी की खपत में भी इजाफा होगा. बता दें कि रिजर्व बैंक ने 19 मई को 2000 रुपये के नोट को वापस लेने का ऐलान किया था.
लोन के रिपेमेंट में में हो सकता है इजाफा
SBI की स्टडी में कहा गया है कि बैंकों में 2000 रुपये के 1.5 लाख करोड़ रुपये के नोट वापस आ गए हैं. इसके चलते बैंक डिपॉजिट और लोन के रिपेमेंट में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. इसके अलावा डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल से जीडीपी को बढ़ावा मिलेगा. SBI ने अपनी स्टडी में दावा किया है कि 2000 रुपये के नोट को वापस लेने से बैंकिंग सिस्टम में डिपॉजिट बढ़ाने की कोशिश को सपोर्ट मिला है. साथ ही क्रेडिट रेश्यो डिपॉजिट में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. ये प्री कोविड लेवल पर पहुंच गया है. इससे बैंकों को अलग-अलग सेक्टर में लोन की डिमांड को पूरा करने में मदद मिलेगी.
बैंकों के पास लोन देने का बड़ा मौका
बैंक ने अपनी स्टडी में कहा है कि विदेशी मार्केट में अनश्चितता को देखते हुए देश में बैंकों के पास कंपनियों के कर्ज की आवश्यकता को पूरा करने के लिए बड़े मौके होंगे. बैंकों में कंपनियों के डिपॉजिट में उछाल नजर आ रहा है और अधिकतर पैसा बल्क डिपॉजिट के रूप में जमा हुआ है. 8 जून को, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 2,000 रुपये के लगभग 1.8 लाख करोड़ रुपये के नोट सिस्टम में वापस आ गए हैं. 23 मार्च तक 3.62 लाख करोड़ रुपये की वैल्यू के 2000 रुपये के नोट सर्कुलेशन में थे.
कैश-ऑन-डिलीवरी में इजाफा