
12 हजार फीट की ऊंचाई, चारों ओर बर्फ ही बर्फ, फिर आया चाय का कप... 17 घंटे तक वीरान गांव में कैसे फंसे रहे CEC राजीव कुमार
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चीफ इलेक्शन कमिश्नर बुधवार दोपहर को पिथौरागढ़ के दूरदराज के मतदान केंद्रों का दौरा करने के लिए मिलम जा रहे थे. इस दौरान पायलट और दो अन्य लोगों के साथ उनके हेलिकॉप्टर को घने बादल और कम दृश्यता के चलते मुनस्यारी से लगभग 42 किमी दूर रालम गांव में आपातकालीन लैंडिंग के लिए मजबूर होना पड़ा.
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार कुछ दिनों पहले अपने हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग के बाद 17 घंटे तक उत्तराखंड के एक सुदूर गांव में फंसे रहे. रात के अंधेरे और वीरान गांव में स्थानीय ग्रामीण सीईसी राजीव कुमार के लिए देवदूत बनकर आए. अगले दिन जब आईटीबीपी के जवान वहां पहुंचे तो उन्होंने चुनाव आयुक्त के लिए चाय बनाई. कड़ाके की ठंड के बीच वह चाय का कप उनके लिए सबसे बड़ी राहत के रूप में आया. अब उन्होंने ग्रामीणों और आईटीबीपी की मेहमाननवाज़ी के लिए उनका आभार व्यक्त किया है.
चीफ इलेक्शन कमिश्नर बुधवार दोपहर को पिथौरागढ़ के दूरदराज के मतदान केंद्रों का दौरा करने के लिए मिलम जा रहे थे. इस दौरान पायलट और दो अन्य लोगों के साथ उनके हेलिकॉप्टर को घने बादल और कम दृश्यता के चलते मुनस्यारी से लगभग 42 किमी दूर रालम गांव में आपातकालीन लैंडिंग के लिए मजबूर होना पड़ा.
'उम्मीद है सरकार ग्रामीणों को सम्मानित करेगी'
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीवीआरसीसी पुरूषोत्तम को लिखे पत्र में राजीव कुमार ने रालम गांव के निवासियों की तारीफ की. उन्होंने विश्वास जताया कि प्रशासन आपदा प्रबंधन में स्थानीय निवासियों की भागीदारी के इस उदाहरण को नीति के रूप में अपनाएगा और उन्हें प्रेरित और सम्मानित करेगा.
वीरान था बर्फ से ढका गांव
सीईसी राजीव कुमार ने कहा, 'मैं आप सभी को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं और आपके स्वस्थ एवं लंबे जीवन की कामना करता हूं.' उन्होंने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के महानिदेशक को भी पत्र लिखा और पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में तैनात बचाव दल की सराहना की.

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