10 साल में 57 चीफ सेक्रेटरीज को मिला एक्सटेंशन... दिल्ली के CS नरेश कुमार के पक्ष में केंद्र ने क्या-क्या दलीलें दीं, केजरीवाल सरकार से क्यों है पंगा?
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दिल्ली में मुख्य सचिव नरेश कुमार का कार्यकाल 6 महीने और बढ़ा दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र के फैसले पर मुहर लगाई है. शीर्ष अदालत ने कहा, इस कदम को कानून का उल्लंघन नहीं माना जा सकता है. इससे पहले दिल्ली की AAP सरकार ने बिना किसी परामर्श के मौजूदा सीएस का कार्यकाल बढ़ाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
अरविंद केजरीवाल के तमाम विरोध के बीच दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार के सेवा विस्तार को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मिल गई है. केंद्र सरकार ने सीएस नरेश का 6 महीने का सेवा विस्तार करने का निर्णय लिया था. दिल्ली सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची तो केंद्र ने खुलकर नरेश कुमार के पक्ष में दलीलें दीं. कोर्ट ने केजरीवाल सरकार के तर्क नकार दिए और केंद्र के फैसले को हरी झंडी दे दी. केंद्र ने SC से कहा, यह पहली बार नहीं है. पिछले 10 वर्षों में मुख्य सचिवों का कार्यकाल 57 बार बढ़ाया गया है.
केंद्र ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि पिछले 10 वर्षों में विभिन्न राज्यों के मुख्य सचिवों को सेवा विस्तार दिए जाने के करीब 57 मामले सामने आए हैं. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार का कार्यकाल 30 नवंबर को पद छोड़ने से एक दिन पहले छह महीने के लिए बढ़ाने की अनुमति दे दी. बेंच ने कहा, केंद्र सरकार के फैसले ने कानून या संविधान का उल्लंघन नहीं किया है. बता दें कि दिल्ली के मौजूदा मुख्य सचिव का कार्यकाल 30 नवंबर को खत्म हो रहा था.
'केंद्र के पास कार्यकाल बढ़ाने का अधिकार'
केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन पेश हुए. दोनों ने जोरदार तर्क दिया कि संशोधित कानून और अन्य प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार के पास मुख्य सचिव की नियुक्ति और कार्यकाल बढ़ाने की पूरी शक्ति है. सॉलिसिटर जनरल ने AAP सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी की दलीलों का विरोध किया. मेहता ने कहा, प्रावधान स्पष्ट करता है कि मुख्य सचिव की नियुक्ति की शक्ति केंद्र सरकार के पास है. उन्होंने कहा, विभिन्न राज्यों के मुख्य सचिवों को सेवा विस्तार दिए जाने के कम से कम 57 उदाहरण हैं.
'सिंघवी ने याद दिलाया सेवा अधिकार का मामला'
शुरुआत में अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, मुख्य सचिव यहां पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि के अलावा 100 अन्य मामलों को देखते हैं और वे दिल्ली सरकार के विशेष अधिकार क्षेत्र में हैं और इसलिए सरकार को अपनी बात कहने का अधिकार होना चाहिए. इससे पहले सिंघवी ने इसका विरोध किया कि केंद्र अकेले एक अधिकारी को ही पद पर बनाए रखने को कैसे इच्छुक है. उन्होंने कहा, केंद्र पद के हिसाब से शीर्ष पांच आईएएस अधिकारियों में से क्यों नहीं चुन सकता? केंद्र केवल इस अधिकारी को क्यों चाहता है? सिंघवी ने बेंच को याद दिलाया कि शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में दिल्ली सरकार को सेवा अधिकार दिया था, लेकिन केंद्र अध्यादेश लेकर आया और जिसके कारण मुख्य सचिव की नियुक्ति के लिए दिल्ली सरकार को दी गई मूल शक्ति खत्म हो गई.
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