
राजशाही का अपमान करने पर महिला को 43 साल की जेल, फेसबुक पर शेयर किया था पोस्ट
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थाईलैंड में राजशाही के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है. हाल के वक्त में कई बार थाईलैंड के राजा महा वजिरालोंगकोर्न के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए हैं.
थाईलैंड की एक पूर्व सिविल सर्वेंट को राजशाही के अपमान के आरोप में 43 साल जेल की सजा सुनाई गई है. अंचन नाम की पूर्व महिला अफसर को कुल 87 साल तक जेल की सजा हो सकती थी, लेकिन दोष स्वीकार करने की वजह से उनकी सजा घटाकर करीब 43 साल कर दी गई. (फोटोज- AFP) 60 साल से अधिक उम्र की अंचन को मंगलवार को बैंकॉक के क्रिमिनल कोर्ट ने दोषी करार दिया. फेसबुक और यूट्यूब पर राजशाही का अपमान करने वाले ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद उन पर कार्रवाई शुरू की गई थी. थाईलैंड के कानून में राजशाही का अपमान करने पर सजा का प्रावधान है. राजशाही के अपमान के 29 मामलों में उन्हें दोषी करार दिया गया.
50 दिन बाद होने वाले बांग्लादेश आम चुनाव के लिए सभी बड़ी पार्टियां रणनीति बनाने में जुटी हैं. लेकिन, इन सबके बीच एक्टिव अमेरिकी डीप स्टेट से जुड़े एक संगठन की भूमिका कान खड़े करती है. इसके सर्वे मोहम्मद यूनुस को 'हीरो' और भारत का बांग्लादेश के लिए 'विलेन' बताने का काम कर रहे हैं. इतना ही नहीं, सर्वे के मुताबिक बांग्लादेश में हिंदू और मुसलमान बराबर के खुश-नाखुश हैं.

तारिक की बांग्लादेश वापसी में खास प्रतीकात्मकता थी. जब वो ढाका एयरपोर्ट से बाहर आए तो उन्होंने जूते उतारकर थोड़ी देर के लिए जमीन पर खड़े हुए और हाथ में मिट्टी उठाई . ये असल में अपने देश के प्रति सम्मान दिखाने का तरीका था. उन्होंने रिसेप्शन में साधारण प्लास्टिक की कुर्सी को चुना और विशेष कुर्सी हटा दी, जो पिछले समय के भव्यता और 'सिंहासन मानसिकता' से दूरी दिखाता है.

गुजरात में 1474 के युद्ध में तीतर की रक्षा के लिए राजपूतों, ब्राह्मणों, ग्वालों और हरिजनों की एकजुट सेना ने चाबड़ जनजाति के शिकारीयों से लड़ाई लड़ी, जिसमें 140 से 200 लोग मारे गए. यह घटना भारतीय सभ्यता में शरण देने और अभयदान की परंपरा को दिखाती है. बांग्लादेश जो बार-बार हसीना को सौंपने की मांग कर रहा है, उसे भारत के इतिहास के बारे में थोड़ी जानकारी ले लेनी चाहिए.

खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान सत्रह साल बाद बांग्लादेश लौटे हैं. वे लंबे समय तक लंदन में निर्वासित रह चुके थे और अब राजनीति में अहम भूमिका निभाने की तैयारी में हैं. तारिक ने अपनी मातृभूमि लौटकर एक बड़े जनसमूह के बीच रोड शो किया जहां लाखों कार्यकर्ताओं ने उन्हें सम्मानित किया. हाल ही में देश में राजनीतिक हलचल तेज हुई है. शेख हसीना की पार्टी चुनाव से बाहर हुई है और बीएनपी मजबूत दावेदार बनकर उभरी है.









