
हरियाणा में कांग्रेस ने दो दशक बाद बदली रणनीति, जाट-दलित की बजाय जाट-OBC पर फोकस
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हरियाणा में कांग्रेस ने एक बार फिर भूपेंद्र सिंह हुड्डा को विधायक दल का नेता चुन लिया है तो प्रदेश अध्यक्ष की कमान राव नरेंद्र को सौंपी है. हरियाणा में 2007 से कांग्रेस की कमान दलित चेहरे के हाथों में रही है, लेकिन अब ओबीसी को सौंपी है. इस तरह जाट और ओबीसी केमिस्ट्री बनाने का दांव चला है.
हरियाणा में कांग्रेस की सियासत भूपेंद्र सिंह हुड्डा के इर्द-गिर्द सिमटी हुई है. कांग्रेस हाईकमान ने एक बार फिर से भूपेंद्र सिंह हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी सौंप दी है और प्रदेश अध्यक्ष की कमान राव नरेंद्र को सौंपी है. 2024 विधानसभा चुनाव के बाद से हरियाणा की राजनीति में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष का बेसब्री से इंतजार था, जिसका ऐलान मंगलवार को कर दिया गया है.
कांग्रेस ने विधायक दल के नेता के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा के रूप में जाट समाज को चुना है, जबकि प्रदेश अध्यक्ष की बागडोर ओबीसी समाज को सौंपी है. इस तरह कांग्रेस ने हरियाणा की राजनीति में क़रीब दो दशक के बाद अपनी सियासी रणनीति में बदलाव किया है.
हरियाणा में कांग्रेस लंबे अरसे से दलित समाज को पार्टी संगठन की कमान सौंपती रही है, लेकिन इस बार दलित चेहरे को तवज्जो देने के बजाय यादव समाज से आने वाले राव नरेंद्र पर दांव खेला है. जाट-दलित समीकरण को आज़माकर देख चुकी कांग्रेस ने अब जाट-ओबीसी के सहारे हरियाणा में आगे बढ़ने का फ़ैसला किया है.
हरियाणा में बदली कांग्रेस की रणनीति
हरियाणा में कांग्रेस लगातार तीन बार से विधानसभा चुनाव हार रही है. कांग्रेस 2007 से लेकर अभी तक जाट और दलित सियासी केमिस्ट्री बनाकर किस्मत आज़माती रही है. 2007 में फूलचंद मुलाना को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का सियासी प्रयोग किया था. फूलचंद मुलाना सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहे थे. मुलाना के हाथ में पार्टी संगठन की कमान थी तो सत्ता की बागडोर भूपेंद्र हुड्डा के पास थी. इस तरह कांग्रेस जाट और दलित समीकरण बनाकर 2014 तक राज किया.
फूलचंद मुलाना के बाद कांग्रेस ने अशोक तंवर, कुमारी सैलजा और चौधरी उदयभान को प्रदेश अध्यक्ष बनाया. ये चारों नेता दलित समुदाय से थे, लेकिन 18 साल के बाद कांग्रेस ने दलित के बजाय ओबीसी समाज को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है. कांग्रेस इस बदलाव के ज़रिए हरियाणा में नए जातीय समीकरण को साधने का दांव चला है.

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