
सेट पर होती थी गाली-गलौज, परेशान थीं महिमा चौधरी, बोलीं- डायरेक्टर ने रुलाया
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महिमा चौधरी ने सुभाष घई की फिल्म 'परदेस; में सेट पर डायरेक्टर के बुरे व्यवहार और डांट का अनुभव शेयर किया, जो उनके लिए सीख साबित हुआ था. उन्होंने बताया कि दूसरी फिल्म 'दाग: द फायर' में उन्हें बुरे व्यवहार और गाली-गलौज का सामना करना पड़ा था.
बॉलीवुड एक्ट्रेस महिमा चौधरी ने सुभाष घई की फिल्म 'परदेस' में शाहरुख खान के अपोजिट बॉलीवुड डेब्यू किया था. हाल ही में एक इंटरव्यू में एक्ट्रेस ने खुलासा किया कि डायरेक्टर ने एक सीन से पहले उन्हें डांटा था और रुला दिया था. ये आखिरकार उनका बेस्ट शॉट साबित हुआ. यह घटना उनके लिए एक सीख थी. हालांकि उनकी दूसरी फिल्म 'दाग: द फायर' में चीजें ऐसी नहीं थीं. इसे 'बुरा व्यवहार' बताते हुए महिमा ने याद किया कि उनकी शुरुआती फिल्मों में सेट पर डायरेक्टर्स चिल्लाते थे और गाली-गलौज करते थे.
सेट पर होता था गाली-गलौच
सिद्धार्थ कन्नन से बातचीत में जब महिमा से फिल्म सेट्स पर नेगेटिविटी का सामना करने के बारे में पूछा गया. तो उन्होंने कहा, 'ऐसा कई बार हुआ है. लोग माइक पर जोर-जोर से चिल्लाते थे, गाली-गलौज समेत, ये सब बकवास था. मुझे याद है कि कोई इस तरह चिल्ला रहा था, तो एक मेल एक्टर ने मुझसे पूछा कि क्या मुझे पता है कि वो इनडायरेक्टली हमसे कह रहा है.'
एक्ट्रेस ने आगे कहा, 'मैंने कहा हां. उन्होंने कहा कि तुम्हारे फेशियल एक्सप्रेशंस से नहीं लग रहा कि तुम उस इशारे को समझ रही हो. इसलिए तुम्हें ऐसा प्रिटेंड करना है कि तुम समझ नहीं रही हो. अब उनकी हिम्मत नहीं होती, क्योंकि हर जगह कैमरे हैं और 30 सेकंड में उनका बुरा व्यवहार लोग देख लेंगे. लेकिन पहले बहुत बुरा व्यवहार और नेगेटिविटी होती थी. ग्रुपिज्म भी था. ये मेरी दूसरी फिल्म की शुरुआत में हुआ था.'
महिमा चौधरी ने बताया कि ऐसी मुश्किल स्थितियों से बचने के लिए अंग्रेजी में बात करना उनका डिफेंस मैकेनिज्म बन गया था. उन्होंने कहा, 'वे दूसरे लोगों से कह रहे थे, 'तुम लोग क्यों नहीं समझते?' लेकिन मुझे पता था कि वो मेरे लिए कह रहे हैं. अगर वो सीधे तुम पर अटैक नहीं कर रहे, तो तुम प्रिटेंड करो कि समझ नहीं आया. मैं जानबूझकर अंग्रेजी में बात करती और पूछती, 'एक्सक्यूज मी, क्या आपने अभी कहा कि मुझे यहां स्टेप करना है और ये सीन करना है?' मुझे लगता था कि हिंदी में तो वे मुझे बहुत कुछ कह देंगे, लेकिन अंग्रेजी में उन्हें सोचने में टाइम लगेगा. ये मेरा डिफेंस मैकेनिज्म था.'
सुभाष घई ने महिमा को रुलाया

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