
सलमान का टशन, धमाकेदार एक्शन फिर भी इन वजहों से फीका है 'सिकंदर' का ट्रेलर
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हाल ही में जब 'सिकंदर' का ट्रेलर रिलीज हुआ तो सलमान के फैन्स ने काफी माहौल बनाकर इसका स्वागत किया. लेकिन बड़े पर्दे पर एंटरटेनमेंट वाले सारे मसाले होने के बावजूद 'सिकंदर' के ट्रेलर में कुछ कमी सी लगी. और इस कमी की कुछ जेनुइन वजहें हैं.
सुपरस्टार सलमान खान को बॉलीवुड का मास स्टार कहा जाता है. उनकी फैन फॉलोइंग इतनी तगड़ी है कि उनकी जिन फिल्मों को जमकर नेगेटिव रिव्यू मिलते है वो भी बिजनेस के मामले में अच्छी-खासी चल जाती हैं. अब सलमान फैन्स के लिए सेलेब्रेशन का मौका आ रहा है क्योंकि दो साल बाद ईद के मौके पर सलमान की फिल्म 'सिकंदर' रिलीज हो रही है.
जहां सलमान मास स्टार हैं, वहीं साउथ से बॉलीवुड तक मास सिनेमा की सॉलिड लिगेसी वाले डायरेक्टर ए. आर. मुरुगदास ने 'सिकंदर' की कमान संभाली है. फिल्म की अनाउंसमेंट के बाद से ही इस जोड़ी से सभी बॉलीवुड फैन्स को तगड़ी उम्मीदें थीं. हाल ही में जब 'सिकंदर' का ट्रेलर रिलीज हुआ तो सलमान के फैन्स ने काफी माहौल बनाकर इसका स्वागत किया. लेकिन बड़े पर्दे पर एंटरटेनमेंट वाले सारे मसाले होने के बावजूद 'सिकंदर' के ट्रेलर में कुछ कमी सी लगी. और इस कमी की कुछ जेनुइन वजहें हैं.
कमजोर बैकग्राउंड स्कोर 'सिकंदर' के ट्रेलर में माहौल इसलिए भी बिखरा-बिखरा लग रहा है क्योंकि बैकग्राउंड स्कोर दमदार नहीं है. इसलिए शुरुआत से लेकर अंत तक सलमान के किरदार को वो एलिवेशन नहीं मिलता नहीं नजर आ रहा जो अक्सर साउथ के डायरेक्टर्स की फिल्मों में पाया जाता है. इस एलिवेशन की कमी की वजह से ही राजा साहब सिकंदर उतने सॉलिड हीरो नहीं लग पा रहे जितने लगने चाहिए थे.
कॉमेडी की कमी ट्रेलर की शुरुआत में रश्मिका मंदाना का किरदार, सलमान का इंट्रो देते हुए कह रहा है कि 'किसी न किसी का मुंह तोड़कर घर चले आते हैं.' फिल्म में रश्मिका का रोल सलमान की लव इंटरेस्ट या पत्नी का है. ऐसे में उनकी इस शिकायत में पति-पत्नी के रिश्ते वाला एक चटपटापन झलकना चाहिए था जो मिसिंग था.
इसी तरह एक सीन में सलमान के किरदार को बेहद अमीर रिखाने के लिए, उन्हें टैक्सी के किराए के नाम पर नोटों की गड्डियां देते दिखाया है. सीन में उनके साथी बने शरमन जोशी कह रहे हैं 'टैक्सी का किराया देना है, कीमत नहीं'. ये जोक सही टाइमिंग से लैंड ही नहीं होता. जिस सीन में सलमान एक घर में अपने साथियों के साथ खाना खा रहे हैं, वहां भी एक जोक टाइप कुछ करने की कोशिश कर रहे हैं, मगर उसकी भी टाइमिंग खराब है. सलमान का बेसिक ह्यूमर असल में जनता के उनसे कनेक्शन की एक बड़ी वजह है. जबकि इस डिपार्टमेंट में ट्रेलर काफी ठंडा निकला.
खराब एडिटिंग 'सिकंदर' के ट्रेलर में सबसे बड़ी दिक्कत एडिटिंग की है. साढ़े तीन मिनट लंबे ट्रेलर में किसी तरह की लय नहीं है, जो कहानी में दिलचस्पी जगाए. ऐसा लगता है कि सबकुछ टुकड़ों में है और उन्हें जोड़ने के लिए एक्शन सीन्स के शॉट डाले गए हैं. लगभग हर तीसरा सीन सलमान खान के एक्शन का है.

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