समलैंगिकों के तर्क और सरकार का विरोध, किसके हक में होगा फैसला?
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देश मे समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता मिलेगी या नहीं, मध्य प्रदेश में फिलहाल बीजेपी का फोकस किस वोटर ग्रुप पर है और प्रदूषण की वजह से सोलर एनर्जी का कितना नुकसान हो रहा है? सुनिए 'आज का दिन' में.
देश में सेम सैक्स मैरिज को लेकर इस साल सुप्रीम कोर्ट में लगातार 10 दिनों तक कई घंटों की बहस चली है. अब उस बहस के बाद आज फैसले का दिन है, जब सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि सेम सैक्स मैरिज को मान्यता दी जाए या नहीं. और बड़ी बात है कि केंद्र सरकार ने इसका खुलकर विरोध किया. है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, हिमा कोहली और पीएस नरसिम्हा की बेंच फैसला सुनाएगी. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में करीब 20 पेटिशन डाले गए थे. इनमें सेम सेक्स कपल, ट्रांसजेंडर पर्सन, LGBTQ+ भी शामिल हैं. अर्जी में स्पेशल मैरिज एक्ट और हिंदू मैरिज एक्ट के प्रावधान को चुनौती दी गई है.
सुनवाई के दौरान जहां केंद्र ने कहा है कि ये विधायकी का मामला है इसलिए इसपर फ़ैसला लेने का हक़ संसद के पास है, सरकार की ओर से ये भी तर्क आया था कि समलैंगिकता एक शहरी सोच है, इसकी मांग बड़े शहरों में रहने वाले कुछ एलिट्स ही करते हैं. इसपर CJI चंद्रचुड़ ने कहा कि सरकार के पास कोई डेटा नहीं हो जो ये साबित करे कि सेम सेक्स मैरिज की मांग केवल शहरों के कुछ लोगों तक सीमित है. पेटिशनर्स की दलील थी कि उनकी मांग मौलिक अधिकार से जुड़ा है. ऐसे में इसे सुप्रीम कोर्ट को प्रोटेक्ट करना चाहिए और साल 2018 में ही सेम सेक्स को डिक्रिमिनलाइज कर दिया गया है, ऐसे में समानता के अधिकार के तहत शादी की अनुमती भी मिलनी चाहिए. चुंकी आज फ़ैसला आ सकता है इसलिए अब तक की हुई सुनवाई में क्या हुआ है और किसके हक में आएगा फैसला? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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आज से ठीक एक महीने बाद मध्यप्रदेश की जनता वोट डाल रही होगी. भाजपा उम्मीदवारों की 4 लिस्ट निकाल चुकी है, हालांकि उसे 3 कहना ही ठीक रहगा क्योंकि चौथी लिस्ट में सिर्फ़ एक ही नाम था. दो दिन पहले कांग्रेस ने भी 144 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है. लब्बोलुआब ये है कि दोनों ओर से तैयारियां अंतीम दौर पर में हैं. अब इसमें इंधन भरने के लिए भाजपा बूथ विजय अभियान शुरू करने वाली है. इसके तहत राज्य में तीन दिन के भीतर 65,000 हज़ार बूथों तक पहुंचने की तैयारी है. इसकी शुरुआत शक्ति सम्मेलन से किया जाएगा, जिसका आयोजन नवरात्र को ध्यान में रख कर किया गया है. भाजपा सत्ता में वापस आने के लिए महिला वोटों के ऊपर काफ़ी निर्भर करती है, इसके लिए कई योजनाएं भी चलाई गई हैं, लाडली बहन योजना और रसोई गैस के दाम को कम करने के फ़ैसले को भी इससे जोड़ कर देखा जा रहा है. महिला वोटों के लुभाने के लिए भाजपा महिला विंग भी ज़ोर शोर से अभियान में जुटी हुई है. तीन दिनों तक चलने वाली बूथ अभियान के डीटेल्स और भाजपा का फ़ोकस महिलाओं की ओर क्यों शिफ़्ट हो रहा है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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IIT Delhi ने एक स्टडी की है. उनकी स्टडी ये कहती है कि नॉर्थ इंडिया सहित दिल्ली में भी प्रदूषण की वजह से फेंफड़े का जो नुकसान हो रहा था वो ही रहा है, सोलर एनर्जी का भी नुकसान हो रहा है. इसके अनुसार भारत की धरती का केवल 29 प्रतिशत हिस्सा सोलर एनर्जी के अनुकूल है, जो की वायु प्रदूषण की वजह से और कम होता जा रहा है, अगर प्रदूषण कारण न बनता तो ये आंकड़ा 29 की जगह बढ़ कर 36 प्रतिशत होता.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवनियुक्त केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह और नितिन गडकरी से सोमवार को नई दिल्ली में मुलाकात की. भाजपा के तीनों नेताओं ने रविवार को मोदी-3.0 में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी. 2024 लोकसभा चुनाव जीतने के बाद तीनों वरिष्ठ नेताओं से योगी आदित्यनाथ की यह पहली मुलाकात है.
पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने बधाई देते हुए कहा कि तीसरी बार पद्भार संभालने पर मोदी जी को मेरी हार्दिक बधाई. हालिया चुनावों मं आपकी पार्टी की जीत से आपके नेतृत्व में लोगों के विश्वास का पता चलता है. आइए, नफरत को उम्मीद से खत्म कर दें और दक्षिण एशिया के दो अरब लोगों के भाग्य को चमकाने के लिए इस अवसर का लाभ उठाएं.