
संदिग्ध ने लंदन और जर्मनी के IP एड्रेस का किया इस्तेमाल, फिर 7 फर्जी ट्वीट किए... थ्रेट कॉल की जांच में खुलासा
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जांच एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि X हैंडल ने कई VPN का इस्तेमाल किया था, जिसके कारण IP एड्रेस "बाउंस ऑफ" हो गया. X यूजर की पहचान उजागर करने के लिए I4Ci और Certn-in समेत कई यूनिट्स को लगाया गया है.
फ्लाइट्स में थ्रेट कॉल्स की घटनाएं पिछले दिनों में काफी बढ़ गई हैं. इस मामले की शुरुआती जांच में सामने आया है कि संदिग्ध ने फ्लाइट को बम से उड़ाने की धमकी देने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X हैंडल (schizobomber777) का इस्तेमाल किया था. इस X हैंडल को ऑपरेट करने के लिए संदिग्ध ने लंदन और जर्मनी के IP एड्रेस का इस्तेमाल किया था.
कथित तौर पर मंगलवार को संदिग्ध आरोपी ने एक नया X अकाउंट खोला और 7 फर्जी ट्वीट किए. इससे हवाई क्षेत्र में दहशत फैल गई. इसके बाद अकाउंट को सस्पेंड कर दिया गया.
जांच एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि X हैंडल ने कई VPN का इस्तेमाल किया था, जिसके कारण IP एड्रेस "बाउंस ऑफ" हो गया. X यूजर की पहचान उजागर करने के लिए I4Ci और Certn-in समेत कई यूनिट्स को शामिल किया गया है.
विमानों में बम की धमकी पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि कुछ नाबालिगों और शरारती लोगों से कॉल आ रहे हैं.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि हाल ही में मिली थ्रेट कॉल्स में वीपीएन का इस्तेमाल किया जा रहा है. संबंधित एजेंसियों से वीपीएन सेवा प्रदाताओं से संपर्क करने का आग्रह किया गया है. इससे एजेंसियों को यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि बम की असली धमकी कहां से आई.
वहीं, नागरिक उड्डयन सचिव वुमलुनमंग वुलनाम ने बुधवार को कहा था कि आरोपियों की पहचान की जा रही है और कार्रवाई की जा रही है. वुलनाम ने जेडीयू सांसद संजय झा की अध्यक्षता वाली परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी स्थायी समिति की बैठक में सुझाव दिया कि जांचकर्ताओं ने कुछ जानकारी एकत्र की है और कार्रवाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे इस तरह के फर्जी संदेशों के कुछ अन्य मामलों पर काम कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने सूचना की संवेदनशीलता का हवाला देते हुए ज्यादा जानकारी शेयर करने से इनकार कर दिया.

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