शेर पर मचा शोर! अशोक स्तंभ के डिजाइन पर विपक्ष ने उठाए सवाल, सरकार का पलटवार
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नए संसद भवन में लगे विशालकाय अशोक स्तंभ को लेकर जो विवाद शुरू हुआ है, वो थमने का नाम नहीं ले रहा. पीएम की मौजूदगी पर सवाल है, डिजाइन पर संदेह है और राजनीति करने का आरोप है.
नया संसद भवन...विशालकाय अशोक स्तंभ. इसका अनावरण सोमवार को जितने जोरदार अंदाज में किया गया, उस पर विवाद भी अब उतना ही जोरदार देखने को मिल रहा है. नए संसद भवन पर जो अशोक स्तंभ लगा है- उसमें लगे शेर को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. विपक्ष आरोप लगा रहा है कि इतिहास से छेडछाड की गई है और अशोक स्तंभ के शेर को बदला गया है.
विपक्ष का आरोप है कि हमारे राष्ट्रीय चिन्ह में जो शेर हैं वो शांत है और उसका मुंह बंद है जबकि नए संसद भवन में लगे अशोक स्तंभ का शेर आक्रामक और उसका मुंह खुला है.
अशोक स्तंभ को लेकर विपक्ष के क्या आरोप?
पीएम मोदी ने नए संसद भवन की छत पर विशालकाय अशोक स्तंभ का अनावरण किया तो विपक्ष ने सवालों और आरोपों की पूरी लिस्ट तैयार कर डाली. सबसे ताजा आरोप ये कि इतिहास से छेड़छाड़ की गई और सवाल ये कि अशोक स्तंभ में जो शेर है वो बदल क्यों दिया. तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट जिसमें कुछ लिखा तो नहीं बस दो शेरों की तस्वीरें लगा दी. इसमें दाईं ओर दिख रहा शेर वो है जो नए संसद भवन की छत पर लगे अशोक स्तंभ में है. ट्वीट में बाईं ओर महुआ ने जिस शेर को लगाया है वो पारंपरिक अशोक स्तंभ पर दिखाई देता है. महुआ ने अपने दूसरे ट्विट में लिखा-सच बोलना चाहिए. काफी पहले ही सत्यमेव जयते सही मायने में सिंहमेव जयते में बदल चुका है.
महुआ मोइत्रा के आरोपों को बीजेपी ने ये कहकर खारिज कर दिया कि उन्हें सवाल खड़े करने की आदत है. बीजेपी की दलील जो भी हो. लेकिन देश के जाने माने इतिहासकार इरफान हबीब भी ये कह रहे हैं कि नए संसद संसद भवन पर लगे अशोक स्तंभ का शेर गुस्से मे है. उसका मुंह खुला है जबकि ऐतिहासक अशोक स्तंभ का शेर बेहत शांत है.
इस बीच विशालकाय अशोक स्तंभ में लगे शेर को लेकर सियासत भी फुल स्पीड में है. सियासत ऐसी कि आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह और बीजेपी के कपिल मिश्रा की सोशल मीडिया पर भिडंत हो गई. संजय सिंह ने ट्वीट किया कि मैं 130 करोड़ भारतवासियों से पूछना चाहता हूँ राष्ट्रीय चिन्ह बदलने वालों को 'राष्ट्र विरोधी' बोलना चाहिये की नही बोलना चाहिये.
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