
शहबाज की शर्त मानेगा तालिबान? पाकिस्तान-अफगानिस्तान तीसरी बार बातचीत की टेबल पर
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पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पहले दौर की वार्ता कतर के दोहा में 18 और 19 अक्टूबर को हुई थी. इसके बाद 25 अक्टूबर को तुर्की के इस्तांबुल में दूसरे दौर की वार्ता हुई थी, जो कई दिनों तक चली थी लेकिन ये वार्ता असफल रही थी.
पाकिस्तान और अफगानिस्तान एक बार फिर बातचीत की मेज पर लौट आए हैं. तुर्की के इस्तांबुल में आज पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रतिनिधियों के बीच तीसरे दौर की बातचीत शुरू हो गई है.
तुर्की और कतर के संयुक्त प्रयासों के तहत तीसरे दौर की वार्ता चल रही है. इस मौके पर दोनों देशों के प्रतिनिधि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच के तनाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं.
यह वार्ता दो दिनों तक चल सकती है. तीसरे दौर की इस वार्ता के लिए लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मलिक पाकिस्तान के डेलिगेशन की अगुवाई करेंगे, जिसमें आईएसआई के महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी इस्ताबुंल में हैं. वहीं, अफगानिस्तान की ओर से जीडीआई अब्दुल हक वासेक, उपगृहमंत्री रहमतुल्लाह नजीब, तालिबान के प्रवक्ता सुहेल शाहीन, अनस हक्कानी सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं.
पाकिस्तानी सेना का कहना है कि हम अभी भी हमारे रुख पर कायम हैं. हमारी मांग है कि अफगानिस्तान की जमीं का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद के खिलाफ नहीं होना चाहिए.

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